Move to Jagran APP

वरिष्ठ साहित्यकार पदमश्री लीलाधर जगूड़ी ने कहा, गांधी पर पुनर्विचार की है जरूरत

प्रतिशब्द संस्था की ओर से लाजपत भवन में धनुक 2020 में वरिष्ठ साहित्यकार ने अपने विचार रखे।

By AbhishekEdited By: Published: Sun, 02 Feb 2020 02:51 PM (IST)Updated: Sun, 02 Feb 2020 02:51 PM (IST)
वरिष्ठ साहित्यकार पदमश्री लीलाधर जगूड़ी ने कहा, गांधी पर पुनर्विचार की है जरूरत

कानपुर, जेएनएन। वरिष्ठ साहित्यकार पदमश्री लीलाधर जगूड़ी ने कहा कि गांधी पर पुनर्विचार की जरूरत है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी मौजूद की महता वक्त के साथ बढ़ती जा रही है। विश्व के अनेक देशों में उनके बारे में लिखा और पढ़ा जाता है। गांधी दर्शन शोध का विषय है। ऐसे परिदृश्य में गांधी को अभी और समझने की जरूरत है।

loksabha election banner

गांधी एक प्रतिध्वनि हैं...

प्रतिशब्द संस्था की ओर से लाजपत भवन में धनुक 2020 में आरंभिक सत्र में 'गांधी से कौन डरता है' विषय पर उन्होंने कहा कि गांधी एक प्रतिध्वनि हैं, जो मौजूद है। उनके अनेक पहलू अनछुए रह गए हैं। वे साधारण से काम को असाधारण बना देते थे। हरिद्वार में उन्होंने गंगा स्नान करते समय जनेऊ का यह कहते हुए परित्याग कर दिया था कि जब तक महिलाओं व वंचितों के लिए जनेऊ स्वीकार्य नहीं होता वे इसे नहीं पहनेंगे। यह बेहद साधारण काम था, जिसे उन्होंने असाधारण बना दिया।

कार्यक्रम में कानपुर के साहित्यकार प्रियंवद, पत्रकार विजय किशोर मानव, नासिक से आए गांधी अभ्यासक पराग मांदले ने भी इस विमर्श में हिस्सा लिया और गांधी के विचारों पर चर्चा की। इस दौरान साहित्यकार डॉ. पंकज चतुर्वेदी समेत अनेक लोगों ने इनसे सवाल भी किए। संचालन प्रेम प्रकाश ने किया। दूसरे सत्र में सखी केंद्र की संस्थापक और सामाजिक कार्यकर्ता नीलम चतुर्वेदी व पर्यावरणविद नरेन्द्र नीरव को व्यक्तित्व सम्मान 2020 दिया गया। तीसरे सत्र में वंकुश अरोरा की पुस्तक लव ड्राइव का विमोचन किया गया। इसके बाद साहित्यकार अनुवादक सोनाली मिश्रा, कवयित्री चित्रा देसाई, काव्या मिश्रा और वंदना वाजपेयी ने स्त्री विमर्श किया।

पदमश्री लीलाधर जग्रूड़ी ने की अध्यक्षता में आज़ाद हवा नाम से कविता पाठ हुआ। इसमें चित्रा देसाई, पूनम जाकिर, निधी अग्रवाल, राजेश अरोरा, और ज्योत्सना मिश्रा ने काव्य पाठ किया। अंतिम सत्र में गौतम राजर्षी, प्रभा दीक्षित, अलका मिश्रा और सुरेन्द्र साहनी ने अपनी-अपनी रचनाओं का पाठ किया। कार्यक्रम के सत्रों में सरदार ज़ाकिर, मौली सेठ और रोमी अरोरा ने संचालन किया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.