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कानपुर से बंगाल चला चमड़ा उद्योग, उद्यमियों का ममता सरकार से करार Kanpur News

18 उद्यमियों ने 700 करोड़ से अधिक का करार किया है अफसरशाही के नखरे ने समस्या बढ़ाई।

By AbhishekEdited By: Published: Sun, 21 Jul 2019 05:59 PM (IST)Updated: Sun, 21 Jul 2019 09:08 PM (IST)
कानपुर से बंगाल चला चमड़ा उद्योग, उद्यमियों का ममता सरकार से करार Kanpur News
कानपुर से बंगाल चला चमड़ा उद्योग, उद्यमियों का ममता सरकार से करार Kanpur News

कानपुर, जेएनएन। कानपुर की पहचान बन चुके चमड़ा उद्योग का यहां से मोहभंग हो रहा है। लगातार बंदी और घटते कारोबार से परेशान उद्यमी दूसरे प्रदेशों में भविष्य तलाश रहे हैं। यहां के 18 उद्यमियों ने पश्चिम बंगाल सरकार के साथ 700 करोड़ से अधिक के निवेश का करार किया है। गैर प्रदेश में होने वाले इस निवेश से डेढ़ हजार से अधिक रोजगार को भी झटका लगा है।

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सूबे से निर्यात में 12.47 फीसद चमड़ा उत्पाद

प्रदेश में कानपुर और आगरा चमड़ा उत्पादों के हब हैं। सूबे से होने वाले कुल निर्यात का 12.47 फीसद केवल चमड़ा उत्पाद ही हैं। कानपुर में करीब डेढ़ लाख से अधिक लोग प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से इस कारोबार से जुड़े हैं, लेकिन नवंबर से टेनरियों की बंदी से उद्यमी टूटने लगे हैं। ऐसे में जब पश्चिम बंगाल सरकार ने यहां के उद्यमियों को सस्ती जमीन और बेहतर सुविधाओं का वादा किया तो 18 उद्यमियों ने वहां निवेश का करार कर लिया। चर्म उद्योग के आयात निर्यात विशेषज्ञ जफर फिरोज बताते हैं कि इन 18 उद्यमियों में से छह को जमीन का एलॉटमेंट भी दो दिन पहले मिल गया। हालांकि वे कहते हैं कि इसे कानपुर से पलायन नहीं कहा जाएगा, लेकिन बेहतर सुविधाएं होती तो यह निवेश यहां भी हो सकता था।

यह भी जानें

2016-17 में उत्तर प्रदेश ने कुल 84282.89 करोड़ रुपये का निर्यात किया था। जिसमें सिर्फ चमड़ा व चमड़ा उत्पादों की हिस्सेदारी 12.47 फीसद यानी 10508.50 करोड़ रुपये का था। बीते साल मुख्यमंत्री ने जो इन्वेस्टर्स समिट बुलाई थी। उसमें जिले में 1841 करोड़ के निवेश करार हुए थे। इसमें अभी 500 करोड़ का निवेश भी धरातल पर नहीं उतरा है जबकि केवल चमड़ा सेक्टर में ही करीब 700 करोड़ रुपये का निवेश कानपुर से चला गया है।

22 उद्यमी अभी और हैं कतार में

प.बंगाल में निवेशक उद्यमी असद इराकी ने कहा कि कानपुर तो घर है, लेकिन यहां इंडस्ट्री ही बंद है। काम का माहौल नहीं है, सो बंगाल जाना पड़ रहा है। कानपुर से कुल 40 उद्यमियों ने आवेदन किया था। बाकी का भी जल्द करार होने की उम्मीद है। चर्म निर्यात परिषद के अध्यक्ष जावेद इकबाल बताते हैं कि बंगाल सरकार के आकर्षक प्रस्ताव पर यहां के उद्यमी अपना विस्तार वहां कर रहे हैं। टेनरियों की बंदी से असर जरूर पड़ा है, अब मुख्यमंत्री ने टेनरियां खोलने का आदेश दिया है। जल्द ही चमड़ा उद्योग के अच्छे दिन आएंगे।

इसलिए मुफीद है पश्चिम बंगाल

-कानपुर में उद्योग के लिए जमीन की कीमत सात-आठ हजार रुपये वर्गमीटर है। जबकि बंगाल सरकार ने 4000 में देने का वादा किया है। यह रेट भी 2400 रुपये तक जाने के आसार हैं।

-कोलकाता जैसे शहर के निकट ममता सरकार सीटीईपी निर्माण से लेकर सारे ढांचागत विकास का खर्च उठा रही है। यहां उद्यमियों को खर्च उठाना पड़ रहा है।

-हवाई के साथ समुद्री परिवहन होने से निर्यातकों का परिवहन खर्च भी काफी कम हो जाएगा।


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