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96 करोड़ के पुराने नोट का मामलाः कानपुर में बिल्डर के मुंह पर वकीलों ने पोती स्याही

कोर्ट लाए गए आरोपियों में से बिल्डर के चेहरे पर वकीलों ने स्याही पोत दी जबकि अन्य को देशद्रोही बताकर पीट दिया। बार एसोसिएशन के महामंत्री ने बीच बचाव किया,

By Ashish MishraEdited By: Published: Mon, 29 Jan 2018 08:25 PM (IST)Updated: Mon, 29 Jan 2018 08:25 PM (IST)
96 करोड़ के पुराने नोट का मामलाः कानपुर में बिल्डर के मुंह पर वकीलों ने पोती स्याही

कानपुर (जेएनएन)। पकड़े गए पुराने नोट के मामले में सोमवार को कोर्ट लाए गए आरोपियों में से बिल्डर के चेहरे पर वकीलों ने स्याही पोत दी जबकि अन्य को देशद्रोही बताकर पीट दिया। बार एसोसिएशन के महामंत्री ने बीच बचाव किया, तब जाकर पुलिस कर्मी आरोपियों को जेल ले गए।  पुराने नोट से जुड़े नेटवर्क को खंगालने के लिए पुलिस ने दस आरोपियों का पीसीआर (पुलिस कस्टडी रिमांड) मांगा था। आरोपियों को मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट की कोर्ट में सोमवार दोपहर 12.15 बजे लाया गया। सुनवाई पूरी होने के बाद आरोपी निर्णय आने का इंतजार कर रहे थे तभी अपराह्न तीन बजे कुछ वकील ग्रुप बनाकर पहुंचे और बिल्डर आनंद खत्री के चेहरे पर स्याही पोत दी।

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इसका दूसरे आरोपियों ने विरोध किया तो अधिवक्ताओं ने उनके साथ मारपीट कर दी। सूचना पर पहुंचे बार एसोसिएशन के महामंत्री भानु प्रताप सिंह ने वकीलों को समझा बुझाकर शांत किया। उनके आश्वासन के बाद 3:40 बजे पुलिस अधिकारी आरोपियों को जेल ले गए। जेल जाते वक्त भी आरोपियों के साथ धक्कामुक्की की गई। अधिवक्ता अरिदमन सिंह, गोपाल चौहान व अन्य वकीलों का कहना था कि नोटबंदी के दौरान आम आदमी बहुत परेशान हुआ। ऐसे लोगों की वजह से काला धन ठिकाने लगाया गया। देश के कानून के खिलाफ काम करने वाले ये सभी देशद्रोही हैं। उन्होंने सख्त सजा देने की मांग की।

10 आरोपियों से 26 घंटे होगी पूछताछ

स्वरूप नगर पुलिस ने बीते शनिवार को पुराने नोट मामले में जेल भेजे गए 16 में दस आरोपियों का पीसीआर मांगने के लिए मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट शबिस्ता आंकिल की कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया था। पुलिस ने आधार दिया कि पुराने नोट मामले में पकड़े गए आरोपियों से जो फोन मिले थे वह लॉक हैं। आरोपियों के मोबाइल फोन से कई अहम जानकारियां हाथ लग सकती हैं, जिसके लिए लॉक खोला जाना जरूरी है। आरोपियों का नेटवर्क विदेश तक फैला है। उनका आपसी कनेक्शन जोडऩे को पुलिस ने सात दिन की रिमांड मांगी थी। अधिवक्ता शरद कुमार बिरला और राम प्रवेश ने इसका विरोध किया।

सुप्रीम कोर्ट की रूलिंग नंदनी सतपथी बनाम दानी पीएल का हवाला देते हुए आरोपियों के साथ मारपीट न करने, मेडिकल कराने व पूछताछ के दौरान एक अधिवक्ता साथ में रहने की मांग की। अधिवक्ता शरद ने बताया,न्यायालय ने उनकी मांग स्वीकार कर ली है। सोमवार अपराह्न तीन बजे से मंगलवार शाम पांच बजे तक का पीसीआर स्वीकार किया गया है। उन्होंने बताया, अधिवक्ता अजय निगम पूछताछ में बिना हस्तक्षेप किए उचित दूरी बनाकर साथ रहेंगे। जेल से मेडिकल कराकर पीसीआर लिया जाएगा और मेडिकल करा आरोपियों को जेल में दाखिल किया जाएगा।

इनका मिला पीसीआर

बिल्डर आनंद खत्री, संजय कुमार, अनिल यादव, संजय कुमार सिंह, संजीव अग्रवाल, मनीष अग्रवाल, कुटेश्वर राव, अली हुसैन, संतोष कुमार यादव और मोहित ढींगरा।

जेल में हैं ये आरोपी

संतोष पाठक, संत कुमार यादव, ओंकार, रामाश्रय, धीरेंद्र गुप्ता, राजेश्वरी 


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