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कानून ने दिखाया रंग, मुस्लिम बहनों को मिलने लगा पतियों का संग

जागरण संवाददाता कानपुर तीन तलाक पर कानून बनने के बाद शरई अदालतों में आने वाले मामलों म

By JagranEdited By: Published: Fri, 31 Jul 2020 08:36 AM (IST)Updated: Fri, 31 Jul 2020 08:36 AM (IST)
कानून ने दिखाया रंग, मुस्लिम बहनों को मिलने लगा पतियों का संग

जागरण संवाददाता, कानपुर: तीन तलाक पर कानून बनने के बाद शरई अदालतों में आने वाले मामलों में काफी कमी आ गई है। लोग शरई अदालतों में तलाक के मामले लेकर नहीं आ रहे हैं। हालांकि अन्य तरका (पिता की संपत्ति में बेटी का हक),खुला (महिलाओं को तलाक लेने का अधिकार)के मामले लेकर लोग शरई अदालतों में पहुंच रहे हैं।

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तीन तलाक पर कानूुन बने एक साल हो गया है। इस बीच शरई अदालतों में तीन तलाक के मामलों में काफी कमी दर्ज की गई है। तीन तलाक के मामलों में कमी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि महिला शरई कोर्ट में कानून बनने के बाद सिर्फ चार मामले ही आए हैं। कानून बनने से पहले महिला शरई अदालत 45 मामलों की सुनवाई कर चुकी थी। तीन तलाक पर सजा का कानून बनने का असर रहा कि घरेलू हिसा के मामले भी कम हुए है। उधर, रजबी रोड स्थित मोहकमा शरिया दारूल कजा में भी सिर्फ तीन मामले तलाक के आए हैं। यहां पर विभिन्न शरई मामलों के 620 मामलों की सुनवाई हो चुकी है। मोहकमा शरिया दारुल कजा के काजी मौलाना इनामुल्लाह बताते हैं कि तीन तलाक के मामलों को लेकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। ज्यादातर मामले समझौते से सुलझ जाते हैं। महिला शहरकाजी डा. हिना जहीर कहती हैं कि शरई अदालत का मकसद तलाक कराना नहीं बल्कि शौहर व बीवी की काउंसिलिग कर झगड़ों के कारण को खत्म करना है। इसमें सफलता भी मिल रही है।

जागरण संवाददाता, कानपुर: तीन तलाक पर कानून बनने के बाद शरई अदालतों में आने वाले मामलों में काफी कमी आ गई है। लोग शरई अदालतों में तलाक के मामले लेकर नहीं आ रहे हैं। हालांकि अन्य तरका (पिता की संपत्ति में बेटी का हक),खुला (महिलाओं को तलाक लेने का अधिकार)के मामले लेकर लोग शरई अदालतों में पहुंच रहे हैं।

तीन तलाक पर कानूुन बने एक साल हो गया है। इस बीच शरई अदालतों में तीन तलाक के मामलों में काफी कमी दर्ज की गई है। तीन तलाक के मामलों में कमी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि महिला शरई कोर्ट में कानून बनने के बाद सिर्फ चार मामले ही आए हैं। कानून बनने से पहले महिला शरई अदालत 45 मामलों की सुनवाई कर चुकी थी। तीन तलाक पर सजा का कानून बनने का असर रहा कि घरेलू हिसा के मामले भी कम हुए है। उधर, रजबी रोड स्थित मोहकमा शरिया दारूल कजा में भी सिर्फ तीन मामले तलाक के आए हैं। यहां पर विभिन्न शरई मामलों के 620 मामलों की सुनवाई हो चुकी है। मोहकमा शरिया दारुल कजा के काजी मौलाना इनामुल्लाह बताते हैं कि तीन तलाक के मामलों को लेकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। ज्यादातर मामले समझौते से सुलझ जाते हैं। महिला शहरकाजी डा. हिना जहीर कहती हैं कि शरई अदालत का मकसद तलाक कराना नहीं बल्कि शौहर व बीवी की काउंसिलिग कर झगड़ों के कारण को खत्म करना है। इसमें सफलता भी मिल रही है।

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पुलिस की सुस्त चाल से नहीं मिला पीड़िता को इंसाफ

जागरण संवाददाता, कानपुर : तीन तलाक कानून ने मुस्लिम महिलाओं को हिम्मत और लड़ने का जज्बा जरूर दिया, लेकिन उनका ये जोश पुलिस की चौखट पर आकर दम तोड़ गया। कानपुर पुलिस तीन तलाक के एक छोटे से मुकदमे की जांच नौ माह में भी पूरी नहीं कर सकी। पुलिस की इस सुस्त चाल का लाभ आरोपित उठा रहा है। एक ऑडियो में वह ये कहता सुनाई दे रहा है कि जेब में रुपया है तो पुलिस बिकने के लिए ही खड़ी है।

सुजातगंज की रहने वाली हिना परवीन का निकाह 5 जुलाई 2019 को चाचा नेहरू कालोनी, अजीतगंज निवासी नूरजादे उर्फ ईसान के साथ हुआ था। हिना का आरोप है कि देवर की गलत नीयत देखकर पिता व अन्य ससुरालियों को जानकारी दी तो जुल्म ढाए जाने लगे। मायके से पांच लाख रुपये लाने का दबाव बनाया गया। इसी बीच पति सऊदी अरब चला गया और वहीं से पिछले साल 27 अक्टूबर को तलाक दे दिया। हिना ने 4 नवंबर को बाबूपुरवा थाने में मुकदमा दर्ज कराया। एफआइआर में पति के साथ ससुर, सास, देवर, ननद व नंदोई को भी आरोपित बनाया। हिना का आरोप है कि तत्कालीन एसपी साउथ अपर्णा गुप्ता ने विवेचक पर पति को छोड़कर सभी के नाम मुकदमे से बाहर करने का दबाव बनाया। जानकारी पर एसएसपी से मिली और जनवरी में जांच रेल बाजार थाने में स्थानांतरित करा ली, तब से सिर्फ आश्वासन मिल रहा है।

सऊदी से वापस बुलाया

हिना ने बताया कि सऊदी दूतावास से संपर्क कर मुकदमे का हवाला देते हुए पति को वापस भारत भेजने का अनुरोध किया। दूतावास ने पति को वापस भेज दिया, लेकिन भारत आने के बाद से उसका कोई अतापता नहीं है।

हिना के पास है ऑडियो

हिना ने के पास पति के कई ऑडियो हैं। इनमें से एक में वह कहता नजर आ रहा है कि कितने भी कानून बन जाएं, कुछ नहीं बिगड़ने वाला। पानी की तरह पैसा बहाया है। ऐसे में भला पुलिस कैसे कार्रवाई करेगी। जेब में रुपया है तो पुलिस बिकने के लिए ही खड़ी है। मेरे संज्ञान में ये मामला नहीं है। रेल बाजार पुलिस इसकी जांच कर रही है। मैं कल ही इस प्रकरण की प्रगति के बारे में जानकारी करूंगा। गड़बड़ी मिलने पर कार्रवाई होगी।

बीबीजीटीएस मूर्ति, एसपी साउथ


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