NIMCET Result 2020: जानिए-कानपुर के ऑल इंडिया रैंक लाने वाले छात्र-छात्राओं की सफलता और संघर्ष की कहानी
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी समेत शिक्षण संस्थानों में एमसीए में दाखिले के लिए एनआइटी एमसीए कॉमन इंट्रेंस टेस्ट के परिणाम घोषित होने पर कानपुर देहात के रूरा कस्बा निवासी अमित द्विवेदी ऑल इंडिया टॉपर सूची में हैं तो कानपुर के नीतीश वर्मा सिटी टॉपर है।
कानपुर, जेएनएन। एनआइटी एमसीए कॉमन इंट्रेंस टेस्ट (निमसेट) 2020 के परिणाम आने के बाद सफल परीक्षार्थियों में खुशी की लहर दौड़ गई। अब उन्हें नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और अन्य तकनीकी शिक्षण संस्थानों में एमसीए में दाखिले मिलेगा। कानपुर देहात के रूरा कस्बा निवासी अमित द्विवेदी ने देशभर में छठी रैंक हासिल करके प्रदेश तो शहर के बड़ा चौराहा में रहने वाले नीतीश वर्मा ने ऑल इंडिया 55वीं रैंक लाकर सिटी टॉप किया है। आइए, सफल छात्र-छात्राओं की जुबानी उनकी सफलता की कहानी जानते हैं...।
पिता के बिजनेस में हाथ बंटा खाली समय में की तैयारी
शहर के सिटी टॉपर नीतीश वर्मा ने पिता आलोक वर्मा के सराफा कारोबार में हाथ बंटाने के साथ ही एमसीए प्रवेश परीक्षा की तैयारी की। उनकी ऑल इंडिया 55वीं रैंक आई है। वह एनआइटी त्रिची (तिरुचिरापल्ली) में दाखिला लेना चाहते हैं। उनकी मां सपना गृहणी है। बाबा केसी वर्मा केस्को में इंजीनियर के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। छोटी बहन प्रतिका पढ़ाई कर रही है। नीतीश के मुताबिक वह खाली समय में पढ़ाई करते थे। पिता के व्यवसाय में हाथ बंटाने के लिए पत्राचार से बीएससी आइटी का कोर्स कर रहे हैं।
माइक्रोसॉफ्ट, गूगल में नौकरी का सपना
15वीं रैंक लाने वालीं आकृति उपाध्याय एमसीए करके माइक्रोसॉफ्ट, गूगल जैसी अन्य मल्टीनेशनल कंपनी में काम करना चाहती हैं। वह मूल रूप से नोएडा की रहने वाली हैं जबकि दिल्ली विश्वविद्यालय से कंप्यूटर साइंस से बीएससी ऑनर्स का कोर्स कर रही हैं। उनके पिता ओमप्रकाश उपाध्याय केंद्रीय विद्यालय, दिल्ली में शिक्षक हैं। मां अनीता उपाध्याय गृहणी हैं। आकृति ने 10वीं और 12वीं की पढ़ाई केंद्रीय विद्यालय नोएडा से की है। बड़ा भाई आइआइटी जोधपुर से बीटेक करने के बाद इसरो में नौकरी कर रहा है।
आइआइटी में जरूर करेंगे पढ़ाई
भोपाल निवासी अमन कुमार मिस्त्री की 45 वीं रैंक आई है। उनके पिता राजेश मिस्त्री सरकारी विभाग में इंजीनियर हैं जबकि मां कुसुम गृहणी हैं। अमन कुमार के मुताबिक उनका सपना आइआइटी में पढ़ाई करने का था। जेईई में उनका चयन नहीं हो सका था। अब वह एनआइटी से एमसीए करने के बाद गेट की तैयारी करेंगे। एनआइटी त्रिची से एमसीए करने की प्लानिंग है।
रिवीजन करने से मिली सफलता
45 वीं रैंक लाने वाले मयंक सिंह मूल रूप से झारखंड के रहने वाले हैं। उनके पिता प्रदीप कुमार सिंह एक कंपनी में अधिकारी हैं जबकि मां मेनका गृहणी। उन्होंने ग्रेजुएशन रांची से किया है। कोचिंग के साथ ही वह तैयारी में जुटे रहते थे। वह सफलता का श्रेय मेहनत और रिवीजन को दे रहे हैं।
डाटा साइंटिस्ट बनेंगे
सूरत के हर्ष कावंडिय़ा की 58 वीं रैंक आई है। उनके पिता गौतम नौकरी करते हैं जबकि मां इंद्रा गृहणी हैं। उन्होंने बीसीए किया है। कुछ महीने सूरत और कुछ महीने कानपुर में रहकर तैयारी की है। एनआइटी त्रिची से एमसीए करने के बाद वह डाटा साइंटिस्ट बनेंगे।