उत्तर प्रदेश को संवार कानपुर की अर्चना और अलका संभालेंगी उत्तराखंड की कमान, जानिए-क्या है उनका प्रोफाइल
उत्तर प्रदेश में महिला क्रिकेट में अहम जिम्मेदारियों को निभा चुकीं पूर्व क्रिकेटर अर्चना को उत्तराखंड में महिला समिति की चेयरपर्सन और अलका को चयनकर्ता बनाया गया है। अपने अनुभव से अब खिलाड़ियों को मुकाम तक पहुंचाएंगी ।
कानपुर, जेएनएन। उप्र महिला क्रिकेट को संवारने वाली पूर्व क्रिकेटर अर्चना मिश्रा और अलका सिंह अब उत्तराखंड महिला क्रिकेट को नई दिशा देंगी। लंबे समय तक उप्र महिला क्रिकेट में शीर्ष पदों पर रहने वाली पूर्व क्रिकेटरों का अगला पड़ाव अब उत्तराखंड होगा। अर्चना मिश्रा को महिला चयन समिति का चेयरपर्सन बनाया गया है, वहीं अलका सिंह चयन समिति में चयनकर्ता के रूप में अपनी जिम्मेदारी निभाएंगी।
आज तक कोई न तोड़ सका अर्चना का रिकॉर्ड
किदवई नगर निवासी अर्चना मिश्रा वर्ष 1980 से 1993 तक उप्र की ओर से खेलते हुए प्रमुख खिलाड़ियों में शुमार रहीं। अर्चना ने पुणे में इंटर जोनल मुकाबले में सात विकेट लेकर कीर्तिमान स्थापित किया था, जो आज भी बरकरार है। खेल के बाद अगली पारी उन्होंने 2002 से कोच व चयनकर्ता के रूप में शुरू की। अर्चना मिश्रा इंडिया चयन समिति के साथ उप्र की अंडर-23, अंडर-19, सीनियर टीम की मुख्य कोच भी रह चुकीं हैं। अब वो उत्तराखंड महिला क्रिकेट एसोसिएशन में बतौर चेयरपर्सन के रूप में खिलाड़ियों को नई राह दिखाएंगी।
कमेंटेटर भी रह चुकी हैं अलका
शहर की क्रिकेटर, कमेंटेटर, लेवन वन कोच व चयनकर्ता रह चुकीं अलका सिंह का साथ मिलेगा। लंबे समय तक उत्तर प्रदेश वूमेंस चयन समिति का हिस्सा रह चुकीं अलका उत्तराखंड के साथ बतौर जूनियर व सीनियर वूमेंस टीम में चयनकर्ता की भूमिका में नजर आएंगी। इंद्रानगर में रहने वाली 36 वर्षीय अलका सिंह ने क्रिकेट की शुरुआत 1997 में की थी।
लेफ्ट आर्म स्पिनर गेंदबाज अलका ने जिलास्तरीय क्रिकेट से लेकर नेशनल टीम तक का सफर तय किया। वर्ष 2003 में सीनियर कैंप के दौरान मां के निधन की सूचना मिलने से वह ऐसी टूटीं की उन्हाेंने क्रिकेट से दूरी बना ली। पति सौजन्य सिंह के साथ उन्होंने वर्ष 2011 में कमेंट्री शुरू करके नई पारी शुरू की। वह दूरदर्शन में बतौर वूमेंस कमेंटेटर के रूप में पहचान बना चुकी हैं।वर्ष 2016 से लेकर 2019 तक उत्तर प्रदेश वूमेंस जूनियर टीम की चयनकर्ता रहीं। उनके कार्यकाल में उप्र महिला टीम अंडर-19 चैंपियन व रनरअप भी रहीं।