जानिए, डाकघर की घर बैठे डिजिटल भुगतान की प्रक्रिया, लॉकडाउन में सबसे ज्यादा बुजुर्गों ने उठाया फायदा
लॉकडाउन के समय कानपुर परिक्षेत्र के डाकघरों की सुविधा का लाभ उठाते हुए घर बैठे लोगों ने चार करोड़ रुपये का भुगतान उठाया है।
कानपुर, जेएनएन। लॉकडाउन के दौरान जनपद के हजारों लोगों ने कोविड नियमों को पालन करते हुए डाकघर के माध्यम से चार करोड़ रुपये निकाल लिये। इससे लोगों ने घर बैठे अपनी जरूरतों को भी पूरा किया। विभाग से जुड़े कर्मचारियों ने बताया कि खाता किसी भी बैंक में हो, डाकिया ने आधार इनेबल्ड मशीन में अंगूठा लगवाकर लोगों को भुगतान करा दिया है। इस काम में शहर से ज्यादा ग्रामीण डाकघरों से रुपयों की निकासी हुई। शहर के लोगों ने एटीएम या फिर डिजिटल भुगतान किया, लेकिन जानकारी के अभाव से ग्रामीण डिजिटल भुगतान नहीं कर पाये। ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ ऐसे लोगों को भी भुगतान हुआ, जिनके घरों मे लोग बीमार थे।
ऐसे लेते हैं लाभ
खाता खुलवाते समय डाकघर की ओर से जारी पासबुक मे टोल फ्री नंबर होता है। इस नंबर पर ग्रामीणों ने फोन कर रुपये निकासी की बात बताते थे। इसके बाद डाकिया उनके घर पर पहुंचा।
बुजुर्गों ने लिया सबसे ज्यादा लाभ
आधार इनेबल्ट मशीन का लाभ सबसे ज्यादा लाभ बुजुर्गों को हुआ। पहले बुजुर्ग बैंक में जाते तो उनके हस्ताक्षर नहीं पाते थे। वहीं, रुपयों की निकासी से पहले व बाद में ग्राहकों के हाथों को सैनिटाइज कराते थे।
दस मिनट में खुल जाता है खाता
बैंकों की अपेक्षा डाकघर में खाता खुलवाना बहुत आसान हो गया है। यहां पर बिना कागज जमा किये, सिर्फ आधार कार्ड से खाता दस मिनट में खुल जाता है। इससे कागजी झंझट से मुक्ति मिलने के साथ ही गारेंटर की भी जरूरत नहीं होती।
यह भी जानिए
डाकघर ग्रामीण क्षेत्र : 78
डाकघर शहर में : 97
डाकिया की संख्या : 310
- लॉकडाउन में डाकघर से लोगों ने अपने खातों से आधार इनेबल्ट मशीन के माध्यम से चार करोड़ रुपये निकाले हैं। सबसे ज्यादा निकासी ग्रामीण क्षेत्रों में हुई। यह प्रक्रिया आगे भी जारी है। -हिमांशु मिश्रा, प्रवर डाक अधीक्षक