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किडनी रोगी के कोराेना संक्रमित होने पर मेटरनिटी विंग में होगा इलाज, जीएसवीएम मेडिकल कालेज की तैयारी

एलएलआर के मेटरनिटी विंग व न्यूरो साइंस सेंटर में कोरोना संक्रमितों की फाइल बनाई जाएगी। कोरोना की संभावित तीसरी लहर से बचाव की तैयारी में जुटे जीएसवीएम मेडिकल कालेज प्रशासन ने सीएमओ एवं डीएम को निर्णय से अवगत करा दिया है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Thu, 05 Aug 2021 08:47 AM (IST)Updated: Thu, 05 Aug 2021 08:47 AM (IST)
किडनी रोगी के कोराेना संक्रमित होने पर मेटरनिटी विंग में होगा इलाज, जीएसवीएम मेडिकल कालेज की तैयारी
कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर से निपटने की तैयारी।

कानपुर, जेएनएन। कोरोना की तीसरी लहर की संभावनाओं को देखते हुए जीएसवीएम मेडिकल कालेज प्रशासन तैयारी में जुटा हुआ है। अब एलएलआर अस्पताल (हैलट) के मेटरनिटी विंग एवं न्यूरो सांइस सेंटर के कोविड हास्पिटलों में संक्रमितों की फाइल यानी बेड हेड टिकट (बीएचटी) बनाकर भर्ती किया जाएगा। क्रानिक किडनी डिजीज (सीकेडी) से पीडि़त संक्रमित भी सीधे मेटरनिटी विंग में भर्ती होंगे, क्योंकि यहां डायलिसिस की सुविधा भी है। 

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कोरोना की दूसरी लहर में व्यवस्थागत चूक से सबक लेकर मेडिकल कालेज के अस्पताल में तीसरी लहर की आशंका पर सुधार की कवायद चल रही है। एक-एक खामियों को दूर कर सुधार के प्रयास किए जा रहे हैं। तीसरी लहर आने पर संक्रमितों की स्थिति के हिसाब से सीधे कोविड हास्पिटल भेजा जाएगा। डीएम व सीएमओ के यहां से न्यूरो साइंस सेंटर व मेटरनिटी विंग के लिए कागज बनाकर भेजा जाएगा। ताकि संक्रमितों को भटकना न पड़े।

मेटरनिटी विंग में संक्रमित बच्चों का इलाज : कोरोना संक्रमित बच्चों के इलाज की सुविधा मेटरनिटी विंग के तीसरे और चौथे तल पर की गई है। उनके लिए पीडियाट्रिक आइसीयू, एचडीयू और आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। जहां उन्हें भर्ती कर इलाज किया जाएगा।

न्यूरो सांइस में आपरेटिव व ब्लैक फंस पीडि़त : न्यूरो साइंस सेंटर में आपरेशन थियेटर है। इसलिए वैसे संक्रमित जिन्हें आपरेशन की जरूरत होगी, उन्हें यहां भर्ती किया जाएगा। ब्लैक फंगस यानी म्यूकर माइकोसिस के पीडि़त भी यहां सीधे भर्ती होंगे।

-एलएलआर इमरजेंसी में अगर सीधे मरीज आएंगे तो उन्हें पहले वार्ड एक-दो में रखा जाएगा। जांच में संक्रमित मिलने पर वार्ड तीन-चार के कोविड हास्पिटल में भर्ती होंगे। निगेटिव आने पर नान कोविड में जाएंगे। इस व्यवस्था से सीएमओ व डीएम को अवगत कराया है, ताकि मरीज भटकने न पाएं। -प्रो. संजय काला, प्राचार्य जीएसवीएम


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