ध्यान रखें, रिटर्न में जीएसटी का उल्लेख न भूलें
आयकर रिटर्न भरने का समय करीब आ रहा है। जीएसटीएन में पंजीयन कराए कारोबारियों को इस बार रिटर्न भरने में खास ध्यान रखना चाहिए।
जागरण संवाददाता, कानपुर : आयकर रिटर्न भरने का समय करीब आ रहा है। जीएसटीएन में पंजीयन कराए कारोबारियों को इस बार रिटर्न भरने में खास ध्यान रखना चाहिए। उन्हें जीएसटी के आंकड़ों को भी अपने रिटर्न में दिखाना होगा। ऐसा ना करने पर कार्रवाई की जा सकती है।
रिटर्न दाखिल करते समय हर संभव सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि अब किसी भी गलती पर बड़ा जुर्माना हो सकता है। पिछले वर्ष एक जुलाई को जीएसटी लागू हो गया था। उसी माह आयकर रिटर्न दाखिल होने थे, तब जीएसटी के आंकड़ों का उसमें उल्लेख नहीं करना था लेकिन, अब एक वर्ष बाद आयकर के रिटर्न में जीएसटी के आंकड़े भी मांगे जा रहे हैं। आयकर विभाग अपने रिटर्न के साथ यह भी जानना चाहता है कि कारोबारी ने अपने कारोबार के दौरान क्या खरीद की और क्या बिक्री। इसके जरिए वह उसके लाभ की वास्तविक हालत को भी जानना चाहता है ताकि कोई कारोबारी अपने लाभ को कम दर्शा कर आयकर को कम टैक्स न दे।
कारोबारियों को इसलिए रिटर्न भरते समय खास सावधान रहने की जरूरत है। उसने वित्तीय वर्ष के दौरान कितना गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) एकत्र किया और कितना टैक्स के रूप में जमा किया। इसकी साफ जानकारी देनी होगी। इसके साथ ही उसने एसजीएसटी, सीजीएसटी और आइजीएसटी में वर्ष भर में कितना जमा किया, इसकी भी जानकारी अलग-अलग देनी होगी।
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फार्म 26एएस से कर लें मिलान
आयकर रिटर्न दाखिल करते समय विभाग की वेबसाइट पर हर करदाता का फार्म 26एएस दिखता है। इसमें विभाग करदाता द्वारा नकद जमा किए गए आयकर, टीडीएस की धनराशि के साथ ही टीडीएस या टीसीएस के स्त्रोत की धनराशि के साथ दिखाता है। रिटर्न दाखिल करने से पहले इन आंकड़ों का मिलान कर लेना चाहिए। ऐसा न करने पर आंकड़े गलत हो सकते हैं और इससे बाद में मुश्किलें भी हो सकती हैं।