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केडीए का कारनामा, पैसा दो और अवैध निर्माण करो

कानपुर विकास प्राधिकरण में चल रहा धन उगाही का खेल बेपर्दा हो चुका है। अधिकारियों से लेकर क्षेत्र में तैनात अभियंता तक खुद शह देकर अवैध निर्माण करा रहे हैं। इसके एवज में रिश्वत से अपनी जेबें भर रहे हैं। चकेरी में अवैध निर्माण कराने की कीमत वसूलने के खेल में ही सहायक अभियंता राजीव गौतम सीबीआइ के हत्थे चढ़ गया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 14 Jul 2018 01:26 AM (IST)Updated: Sat, 14 Jul 2018 01:26 AM (IST)
केडीए का कारनामा, पैसा दो और अवैध निर्माण करो
केडीए का कारनामा, पैसा दो और अवैध निर्माण करो

जागरण संवाददाता, कानपुर : कानपुर विकास प्राधिकरण में चल रहा धन उगाही का खेल बेपर्दा हो चुका है। अधिकारियों से लेकर क्षेत्र में तैनात अभियंता तक खुद शह देकर अवैध निर्माण करा रहे हैं। इसके एवज में रिश्वत से अपनी जेबें भर रहे हैं। चकेरी में अवैध निर्माण कराने की कीमत वसूलने के खेल में ही सहायक अभियंता राजीव गौतम सीबीआइ के हत्थे चढ़ गया।

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चकेरी के टेनरी संचालक अशफाक की शिकायत पर गुरुवार को सीबीआइ ने एयरफोर्स कर्मी अमित गुप्ता और सराफ विशाल को एक लाख रुपये की रिश्वत के साथ रंगे हाथों पकड़ा। अशफाक ने शिकायत की थी कि टेनरी निर्माण की एनओसी के एवज में 15 लाख रुपये मांगे गए थे। रणनीति के तहत पहली किस्त एक लाख रुपये दी गई थी। रिश्वतकांड के तार सीधे कानपुर विकास प्राधिकरण से भी जुड़े थे। सूत्रों के मुताबिक, गुरुवार को ही देर रात सीबीआइ ने केडीए के सहायक अभियंता प्रवर्तन जोन-1 राजीव गौतम के घर छापा मारा। उसे गिरफ्तार कर सीबीआइ लखनऊ ले गई। मामले पर केडीए उपाध्यक्ष सौम्या अग्रवाल ने इतना ही कहा है कि राजीव गौतम को उनके घर से सीबीआइ ने गिरफ्तार किया है। प्रकरण के संबंध में अभी जानकारी नहीं है। मगर, विभाग पूरा मामला स्टाफ और अभियंताओं की जुबां पर है। बताया जा रहा है कि अशफाक द्वारा अवैध फैक्ट्री के निर्माण की शिकायत मिलने पर राजीव गौतम वहां गए थे। उन्होंने उसका चालान भी काटा था। माना जा रहा है कि चालान काटने के बाद से ही मोलभाव का खेल शुरू हुआ और सीबीआइ से शिकायत के बाद राजीव गौतम को रिश्वत के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया। अवैध फैक्ट्री के निर्माण के संबंध में एयरफोर्स ने भी केडीए को पत्र लिखा था।

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पुराना तो नहीं अमित और राजीव का कनेक्शन

राजीव गौतम वर्ष 2013 में मिलिट्री इंजीनिय¨रग सर्विस से रिटायर हुए। उसके बाद वर्ष 2014 में केडीए में सहायक अभियंता के रूप में ज्वाइन किया। चूंकि मामले में एयरफोर्स कर्मी अमित गुप्ता भी पकड़ा गया, इसलिए माना जा रहा है कि एमईएस में रहते हुए राजीव का पुराना कनेक्शन अमित से हो सकता है।

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अवैध निर्माण पर एयरफोर्स ने दिया था रिमाइंडर

अवैध निर्माणों के प्रति केडीए अधिकारी कितने गंभीर हैं, इसकी कलई भी इस प्रकरण ने खोल दी है। एयरफोर्स के चीफ एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर ग्रुप कैप्टन महेश बिष्ट ने हाल ही में 26 जून को केडीए उपाध्यक्ष को पत्र लिखा था। उसमें मई में पहले लिखे जा चुके पत्र का भी उल्लेख था। एयरफोर्स की ओर से कहा गया कि एयरफोर्स स्टेशन के पास अशफाक द्वारा फैक्ट्री का निर्माण एयरफोर्स स्टेशन के नियमानुसार प्रतिबंधित दायरे में आ रहा है। केडीए से पूछा था कि क्या इसके लिए कोई एनओसी दी गई है? साथ ही निवेदन किया था कि संबंधित अधिकारी को साइट पर भेजकर निरीक्षण करा लें। इस संबंध में केडीए अधिकारी एयरफोर्स स्टाफ अमित गुप्ता से समन्वय कर सकते हैं। गौरतलब है कि एयरफोर्स के इस गंभीर पत्र पर भी केडीए अधिकारियों ने त्वरित कार्रवाई नहीं की।

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केडीए में मची रही खलबली, बैठा रहा प्रवर्तन दल

सहायक अभियंता राजीव गौतम की गिरफ्तारी से केडीए में खलबली मच गई। दिन भर चर्चाएं होती रहीं। प्रवर्तन से जुड़े अधिकारी और इंजीनियर तो क्षेत्र में कहीं भी कार्रवाई तक के लिए नहीं निकले।


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