Kanpur Weather Update: शीतलहर और ठिठुरन के बीच गुजरेगा यह हफ्ता, न्यूनतम तापमान से बुजुर्ग और बच्चों की सेहत पर खतरा
चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम विज्ञानी डॉ. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि इस हफ्ते सर्दी ठीक ठाक पड़ेगी। हवा शुष्क है जबकि विपरीत हवाओं में आर्द्रता होने से यह एकदम से नीचे नहीं जा रहा है।
कानपुर, जेएनएन। शहर में पिछले तीन दिनों में पारा तेजी से गिरा है। जिसके कारण ठिठुरन में काफी हद तक इजाफा हुआ है। कैस्पियन सागर से ठंडी हवा मैदानी क्षेत्रों की ओर आ रही है, जिससे तापमान गिरने लगा है। हालांकि विपरीत हवाओं के क्षेत्र और नए सिस्टम विकसित होने से पारा एकदम कम नहीं हो रहा है, लेकिन सर्दी के चलते यह कोल्ड डे की ओर बढ़ रहा है। इसे तब कोल्ड डे कहा जाता है जब तापमान 16 डिग्री सेल्सियस या उससे नीचे तक पहुंचता है। न्यूनतम तापमान छह से सात डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है। यह हफ्ता शीत लहर और ठंड के बीच में गुजरेगा। अगले हफ्ते पाला पड़ने की भी आशंका बनी हुई है, जो कि फसलों, सब्जियों और जानवरों के लिए भी खतरनाक है।
मौसम विज्ञानियों का मानना
चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम विज्ञानी डॉ. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि इस हफ्ते सर्दी ठीक ठाक पड़ेगी। हवा शुष्क है, जबकि विपरीत हवाओं में आर्द्रता होने से यह एकदम से नीचे नहीं जा रहा है। उत्तर पश्चिम दिशा की ओर से बर्फीली हवा चलने लगी है। सुबह और शाम के समय हवा सामान्य से तेज चलेगी। गुरुवार को इसकी गति 4.6 किलोमीटर प्रति घंटे रही। यह शुक्रवार को और भी तेज रफ्तार से चलती रही। सबसे अधिक समस्या बुजुर्गों और बच्चों के लिए हो गई है। सांस, हृदय, एलर्जी, सर्दी खांसी आदि के मरीजों को एहतियात रखने की सलाह दी जा रही है, वहीं बच्चों के बाहर खेलने कूदने पर पाबंदी लगाई जाने लगी है।
कमजोर पश्चिमी विक्षोभ बना
जम्मू कश्मीर के पास नया पश्चिमी विक्षोभ बन गया है, लेकिन यह बेहद कमजोर है। इसकी वजह से वर्षा और पहाड़ों पर बर्फ गिरने के आसार कम हैं। एक चक्रवाती हवा का क्षेत्र बंगाल की खाड़ी पर बना हुआ है, जबकि मध्य प्रदेश के नजदीक विपरीत हवा का क्षेत्र सक्रिय है।
प्रदेश भर में ठंड का कहर
प्रदेश भर के विभिन्न शहरों में ठंड का कहर है। दिल्ली, एनसीआर में शीत लहर चल रही है, जबकि कानपुर, प्रयागराज, लखनऊ, वाराणसी, फतेहपुर आदि भी ठंड के चपेट में आ गया है।
फसलों में रोग लगने की आशंका
शाक भाजी अनुसंधान अनुभाग के डॉ. संजीव सचान ने बताया कि फसलाें में रोग लगने की आशंका बहुत ज्यादा है। इस समय कीटों का हमला भी बढ़ जाता है। फसलों को आवश्यकता के मुताबिक ही पानी दें। उनकी नियमित देखभाल करें। सब्जियों और अन्य फसलों में दीमक का प्रकोप बढ़ जाता है। सरसों की फसल में चितकबरे कीट की आशंका बढ़ जाती है।