Kanpur Violence : नई सड़क हिंसा के आरोपित मुख्तार बाबा की जमानत खारिज, चंद्रेश्वर हाता कब्जाने की रची थी साजिश
Kanpur Violence कानपुर में नई सड़क हिंसा के मुख्य आरोपित मुख्तार बाबा की जमानत खारिज हो गई है। अभियोजन की दलील पर न्यायालय ने गंभीर मामला माना है। आरोपित ने बंदी की आड़ में चंद्रेश्वर हाता कब्जाने की साजिश रची थी।
कानपुर, जागरण संवाददाता। Kanpur Violence नई सड़क हिंसा के आरोपित मुख्तार अहमद उर्फ मुख्तार बाबा की तीनों जमानत अर्जियां अपर जिला जज जीतेंद्र कुमार द्विवेदी ने खारिज कर दी। अभियोजन की ओर से मुख्तार बाबा पर दर्ज पुराने मुकदमे से जुड़ा आपराधिक इतिहास भी कोर्ट में प्रस्तुत किया गया था।
नई सड़क पर तीन जून को उपद्रव हुआ था। भाजपा प्रवक्ता नुपुर शर्मा के बयान के बाद नई सड़क पर बाजार बंद कराने की घोषणा के बीच चंदेश्वर हाता खाली कराने की साजिश रची गई थी। इस मामले में बेकनगंज पुलिस ने बाबा बिरयानी के मालिक मुख्तार अहमद उर्फ मुख्तार बाबा के खिलाफ तीन मुकदमे दर्ज किए थे।
सोमवार को मुख्तार की जमानत पर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेश चंद्र त्रिपाठी ने बहस की। जमानत के पक्ष में तर्क दिया कि उनके मुवक्किल की सीसीटीवी फुटेज में फोटो नहीं है। वह न तो उपद्रव में शामिल था और न ही काल डिटेल में कोई पुख्ता सबूत हैं।
जफर हयात हाशमी के बयानों में आया है कि मदरसों में आर्थिक सहयोग करते हैं एवं खाना खिलाते हैं। यह महज पुलिस कस्टडी में लिए गए बयानों के आधार पर आरोप हैं। इसका कोई साक्ष्य नहीं है। हाजी वसी से किसी तरह के कोई संबंध नहीं है और न ही कोई व्यापारिक लेनदेन है। अपने पैसे से किसी दंगाई कोई भुगतान नहीं किया है। न तो चेक से और न ही कैश। न हमने किसी को मारा और न ही पत्थर चलाए।
जमानत का विरोध करते हुए अभियोजन ने तर्क दिया कि मुख्तार दंगे का मुख्य साजिशकर्ता है। मुख्तार बाबा और उसका बेटा मो. उमर, हाजी वसी और उसका बेटा अब्दुल रहमान व मैनेजर हमजा ने मिलकर एक बंद कमरे में साजिश रची। बंदी की आड़ में चंद्रेश्वर हाता कब्जाने का सौदा एक करोड़ रुपये में किया।
इसके लिए डीटू गैंग के अफजाल को दस लाख रुपये दिए। अफजाल ने उपद्रव कराने के लिए चार-चार लाख रुपये अतीक खिचड़ी और सबलू को दिए थे। मुख्तार शातिर किस्म का अपराधी है और गैंगस्टर है। डरा धमकाकर डीटू गैंग के लोगों से कई संपत्तियां खाली कराई हैं। उसके द्वारा दिए गए पैसे से ही ठेले पर पत्थर लाए गए।
इंस्पेक्टर जैनेंद्र सिंह तोमर, विवेचक त्रिपुरारी पांडेय व स्वतंत्र साक्षी अनिल कुमार गौड़ के बयानों में भी मुख्तार द्वारा घटना कारित करना बताया गया है। न्यायालय ने मुकदमे की गंभीरता और उसकी प्रकृति को देखते हुए जमानत अर्जी खारिज कर दी।
मुख्तार पर आठ मुकदमे हैं जिसमें नई सड़क से जुड़े तीन मुकदमे भी शामिल हैं। मुख्तार के आपराधिक इतिहास और नई सड़क उपद्रव की विवेचना में बरामद साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय ने जमानत अर्जी खारिज की है।-दिनेश अग्रवाल, सहायक शासकीय अधिवक्ता