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Kanpur Violence : वसी की जमानत के लिए दाखिल अर्जियां खारिज, चंद्रेश्वर हाता खाली कराए जाने की थी साजिश

Kanpur Violence कानपुर में नई सड़क उपद्रव में हाजी वसी की जमानत के लिए दाखिल अर्जियां खारिज की गई है। चंद्रेश्वर हाता खाली कराए जाने की साजिश की दलीलें भारी पड़ी है। अभियोजन की मजबूत दलीलों पर अदालत ने अर्जियां खारिज कीं है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Tue, 02 Aug 2022 07:52 AM (IST)Updated: Tue, 02 Aug 2022 07:52 AM (IST)
Kanpur Violence : वसी की जमानत के लिए दाखिल अर्जियां खारिज, चंद्रेश्वर हाता खाली कराए जाने की थी साजिश
Kanpur Violence : हाजी वसी की जमानत अर्जी खारिज।

कानपुर, जागरण संवाददाता। Kanpur Violence नई सड़क उपद्रव की साजिश बिल्डर हाजी वसी ने रची थी। वह इस उपद्रव के जरिये हिंदुओं में डर और दहशत का माहौल पैदा कर चंद्रेश्वर हाता खाली कराना चाहता था। अपनी इसी मंशा के तहत उसने डीटू गैंग के साथियों संग मिलकर पूरी साजिश को अंजाम दिया। सोमवार को अपर जिला जज जीतेंद्र कुमार द्विवेदी ने अभियोजन अधिकारियों की इन दलीलों के बाद बिल्डर हाजी वसी की तीन जमानत अर्जियां खारिज कर दी।

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नई सड़क में तीन जून को हुए उपद्रव मामले में पुलिस ने पांच जुलाई को लखनऊ के अमौसी एयरपोर्ट के पास से बिल्डर हाजी वसी को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। इस मामले में वसी की ओर से दाखिल जमानत अर्जी पर सोमवार को सुनवाई शुरू हुई।

बचाव पक्ष का तर्क था कि वसी को बिना साक्ष्य के पुलिस ने मुख्य साजिशकर्ता बना दिया। घटना वाले दिन न तो वह मौके पर मौजूद था और न ही किसी तरह की साजिश में शामिल हुआ। पुलिस ने फर्जी फंसाया है। इस पर अभियोजन अधिकारी पंकज त्रिपाठी ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि वसी मुख्य साजिशकर्ता था।

इसी ने अपने बेटे अब्दुल रहमान, मैनेजर हमजा, मुख्तार बाबा और उसके बेटे महमूद उमर के साथ मिलकर साजिश रची। तय हुआ था कि तीन जून को नमाज के बाद प्रदर्शन कराकर दहशत फैलाकर चंद्रेश्वर हाता कब्जा कर लेंगे।

इसके लिए डीटू गैंग के सरगना के भाई अफजाल को दस लाख रुपये दिए गए थे। इसमें से अफजाल ने चार-चार लाख रुपये सबलू और अकील खिचड़ी को दिया था। इन पैसों से ही ईंट पत्थर चलाने वालों को एक-एक हजार रुपये देकर लाया गया था। गोली, बम भी इसी पैसे से मंगाए गए थे। उन्होंने कहा कि यह बात एसआइ अतीक ने भी अपने बयान में कही है।

अभियोजन अधिकारी ने कहा कि इखलाक अहमद डेविड के साथ मिलकर मीटिंग की थी।जिसमें इस बात पर भी सहमति बनी थी कि बवाल में शामिल उनके लोग पत्थर चलाएंगे और कोई भी कानूनी अड़चन आई तो उसके लिए निश्शुल्क वकील भी उपलब्ध कराएंगे। खुद वसी ने भी अपने बयानों में स्वीकार किया है कि उसके डीटू गैंग से पुराने संबंध रहे हैं और इनकी मदद से वह कई बस्तियों को खाली करा चुका है। इसके एवज में वह गैंग की 

पुलिस की जांच में आया है कि वसी के डीटू गैंग से पुराने संबंध रहे हैं। इनकी मदद से उसके हिंदुओं की कई बस्तियों को खाली कराया और वहां फ्लैट बनाकर बेचे जिससे उसको करोड़ों रुपये की आय हुई। इसी तरह वह फिर से चंद्रेश्वर हाता खाली कराना चाहता था। न्यायालय ने इन तर्कों के आधार पर वसी की जमानत अर्जियां खारिज कर दी। - दिनेश अग्रवाल, सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता 


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