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#Good News: कानपुर से लखनऊ तक 50 मिनट में पूरा कर सकेंगे सफर, जानिए- क्या है रूपरेखा

जून या जुलाई में निर्माण कार्य शुरू करने की तैयारी। करीब 47 सौ करोड़ रुपये से इस एक्सप्रेस वे का निर्माण होना है। वैसे तो यह सिक्स लेन बनेगा लेकिन भूमि अधिग्रहण और आठ लेन के लिए किया जा रहा है ताकि जरूरत पर इसका विस्तार किया जा सके।

By ShaswatgEdited By: Published: Wed, 02 Dec 2020 07:52 PM (IST)Updated: Wed, 02 Dec 2020 07:52 PM (IST)
#Good News: कानपुर से लखनऊ तक 50 मिनट में पूरा कर सकेंगे सफर, जानिए- क्या है रूपरेखा
सरसैया घाट पर ट्रांसगंगा सिटी तक फोरलेन पुल प्रस्तावित है।

कानपुर, जागरण स्पेशल। कानपुर से लखनऊ तक छह लेन एक्सप्रेस-वे निर्माण के लिए जनवरी में टेंडर आमंत्रित किए जाएंगे। एक माह में कंपनी के चयन के बाद जून या जुलाई से हर हाल में निर्माण कार्य शुरू कराने की योजना है। फिलहाल भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनचएआइ) की लखनऊ इकाई टेंडर डाक्यूमेंट तैयार कर रही है ताकि हर हाल में अगले माह टेंडर मांगा जा सके। इस मार्ग के बनने से लखनऊ तक आवागमन आसान होगा। अभी जो दूरी एक से डेढ़ घंटे में तय होती है वह 45 से 50 मिनट रह जाएगी।   

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पहले चरण में लखनऊ से उन्नाव बनाया जाना प्रस्तावित है

लखनऊ रक्षामंत्री राजनाथ सिंह का संसदीय क्षेत्र है और यह प्रोजेक्ट उनकी इच्छा के अनुरूप ही एनएचएआइ ने कार्ययोजना में शामिल किया है। यही वजह है कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी खुद इस प्रोजेक्ट के लिए हो रहे भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पर नजर रखे हैं। भूमि अधिग्रहण के दूसरे चरण की प्रक्रिया चल रही है। उम्मीद है कि दो माह में यह कार्य पूर्ण हो जाएगा। इस एक्सप्रेसवे को पहले चरण में लखनऊ से चंद्रशेखर आजाद चौराहा उन्नाव तक फिर बाद में गंगा बैराज तक बनाया जाना है। इसके विस्तार की योजना एनएचएआइ ने अपनी कार्ययोजना में शामिल की है। करीब 47 सौ करोड़ रुपये से इस एक्सप्रेस वे का निर्माण होना है। वैसे तो यह सिक्स लेन बनेगा, लेकिन भूमि अधिग्रहण और आठ लेन के लिए किया जा रहा है ताकि भविष्य में जरूरत पर इसका विस्तार किया जा सके। एलाइनमेंट के मुताबिक यह मार्ग अचलगंज से बनी तक भूतल होगा और फिर वहां से अमौसी औद्योगिक क्षेत्र के पास स्थित स्कूटर इंडिया की इकाई के पास तक एलीवेटेड होगा। 

औद्योगिक विकास को लगेंगे पंख 

गंगा बैराज पर ट्रांसगंगा सिटी की स्थापना हो रही है। एक्सप्रेस-वे बैराज तक आने पर इसका लाभ यहां के उद्यमियों को मिलेगा। साथ ही मंधना में प्रस्तावित औद्योगिक क्षेत्र के लिए भी भूमि पर कब्जा लेने की तैयारी चल रही है। अगर यहां औद्योगिक क्षेत्र बसता है तो उद्यमी आसानी से अपना माल ला ले जा सकेंगे। वैसे भी भविष्य में मेगा लेदर क्लस्टर, प्लास्टिक पार्क, डिफेंस कॉरीडोर जैसे कई औद्योगिक क्षेत्र यहां स्थापित होने हैं। यह एक्सप्रेस वे इन औद्योगिक क्षेत्रों में उद्योग लगाने वालों के लिए फायदेमंद होगा। खास कर यहां दूसरे शहरों के लोग भी यहां निवेश कर सकेंगे। 

इसलिए बैराज तक विस्तार

सरसैया घाट पर ट्रांसगंगा सिटी तक फोरलेन पुल प्रस्तावित है। इस पुल को एक्सप्रेस वे से जोडऩे की योजना है। पुल के निर्माण के लिए सेतु निगम सर्वे कर रिपोर्ट भी उप्र राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण को दे चुका है। 

63 गांवों की भूमि ली जा रही है

एक्सप्रेस वे के निर्माण के लिए कुल 63 गांवों की भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है। जब इसका विस्तार बैराज तक होगा तो और भूमि ली जाएगी। एक बार प्राधिकरण की टीम बैराज तक मुआयना कर चुकी है। बस अभी यह तय नहीं हुआ है कि कितनी भूमि का अधिग्रहण होगा और कितना मुआवजा देना होगा। इसके लिए अलग से कंसलटेंट को जिम्मेदारी दी जाएगी। 

ऐसा होगा स्वरूप 

  • 06 फ्लाईओवर का निर्माण होगा
  • 28 छोटे पुल बनाए जाएंगे
  • 03 बड़े पुलों का निर्माण होगा  
  • 38 जगहों पर अंडरपास बनेंगे 
  • 01 रेलवे ओवरब्रिज बनेगा

इनका ये है कहना 

जनवरी में टेंडर मांगने की तैयारी है। भूमि अधिग्रहण के दूसरे चरण का कार्य चल रहा है। समय से एक्सप्रेस वे का निर्माण शुरू हो, यह सुनिश्चित किया जाएगा। - एनएन गिरि, परियोजना निदेशक एनएचएआइ लखनऊ 


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