रेलवे भर्ती बोर्ड परीक्षा में कानपुर एसटीएफ के हत्थे चढ़ा सॉल्वर
रेलवे भर्ती बोर्ड परीक्षा (ग्रुप-डी) के दौरान मंगलवार को दूसरे अभ्यर्थी के स्थान पर परीक्षा दे रहे सॉल्वर को एसटीएफ कानपुर यूनिट ने गिरफ्तार कर लिया।
By Nawal MishraEdited By: Published: Tue, 30 Oct 2018 10:20 PM (IST)Updated: Wed, 31 Oct 2018 12:42 PM (IST)
कानपुर (जेएनएन)। रेलवे भर्ती बोर्ड परीक्षा (ग्रुप-डी) के दौरान मंगलवार को दूसरे अभ्यर्थी के स्थान पर परीक्षा दे रहे सॉल्वर को एसटीएफ कानपुर यूनिट ने गिरफ्तार कर लिया। उससे पूछताछ के बाद मुख्य अभ्यर्थी को भी दबोच लिया गया। हालांकि सॉल्वर गिरोह का सरगना पकड़ से दूर है। गिरफ्तार आरोपित बिहार का रहने वाला है और आयकर विभाग में कार्यरत है। रेलवे भर्ती बोर्ड की ग्रुप डी की परीक्षा देश भर में आयोजित की जा रही है।मंधना स्थित महाराणा प्रताप इंजीनियरिंग कॉलेज के विक्रांता इन्फारमेटिक्स प्राइवेट लिमिटेड केंद्र में परीक्षा थी। मुखबिर से मिल रहे इनपुट के चलते एसटीएफ की नजर परीक्षा पर थी। परीक्षा के दौरान एक युवक दूसरे अभ्यर्थी की उत्तरपुस्तिका में परीक्षा देते पकड़ा गया। कुछ ही देर में उसके सॉल्वर होने की बात सामने आई। उससे पूछताछ के आधार पर मुख्य अभ्यर्थी को भी पकड़ लिया गया। एसटीएफ कानपुर के प्रभारी घनश्याम यादव के मुताबिक सॉल्वर का नाम कौशल किशोर मंडल निवासी ग्राम दनीयाला थाना करपी जिला अरवल (बिहार) है। वह आयकर विभाग में कर्मचारी है, जो विनय कुमार ग्राम मझनपुरा थाना सुरंगापुर जिला जहानाबाद (बिहार) के स्थान पर परीक्षा देने आया था। परीक्षा देने के एवज में विनय ने उसे 50 हजार रुपये दिए थे। एसटीएफ ने मुकदमा कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
तलाशी में मिले फर्जी दस्तावेज
आरोपित कौशल किशोर मंडल की तलाशी में फर्जी मतदाता पहचान पत्र, आयकर व पूर्व मध्य रेलवे से जुड़े परिचयपत्र बरामद हुए हैं।एसटीएफ के मुताबिक यह सॉल्वर गैंग अंतरराज्यीय है, जिसका मुख्य सरगना शैलेश कुमार बिहार राज्य के पटना के ग्राम खरौना का रहने वाला है। शैलेश धनबाद डिवीजन के बरकाकाना रेलवे स्टेशन के रांची रोड रेलवे स्टेशन पर गेटमैन है। उसका काम परीक्षार्थी तलाशना है, जबकि कौशल मंडल परीक्षार्थी के बदले परीक्षा देता था। इस काम के लिए उसे 50 हजार रुपये दिए जाते थे। नौकरी दिलाने का पैकेज पांच लाख रुपये है।
ऐसे होता है खेल
एसटीएफ के मुताबिक सॉल्वर गैंग परीक्षा में दो तरह से खेल करता है। जिन परीक्षा केंद्रों में बायोमेट्रिक हाजिरी होती वहां परीक्षार्थी के साथ सॉल्वर जाता है। मौका मिलते ही दोनों उत्तर पुस्तिकाएं बदल लेते हैं। जहां मैनुअल हाजिरी होती है, वहां सिर्फ सॉल्वर को भेजा जाता है।सूत्रों की मानें तो एसटीएफ को जानकारी मिली है कि अभी दो और इसी तरह के परीक्षार्थी हैं। उनकी तलाश की जा रही है। गौरतलब है कि सॉल्वर गैंग के बड़े ठिकाने के रूप में कानपुर चर्चित है। एसटीएफ इसीलिए रेलवे भर्ती परीक्षा पर नजर रखे हुए है।
तलाशी में मिले फर्जी दस्तावेज
आरोपित कौशल किशोर मंडल की तलाशी में फर्जी मतदाता पहचान पत्र, आयकर व पूर्व मध्य रेलवे से जुड़े परिचयपत्र बरामद हुए हैं।एसटीएफ के मुताबिक यह सॉल्वर गैंग अंतरराज्यीय है, जिसका मुख्य सरगना शैलेश कुमार बिहार राज्य के पटना के ग्राम खरौना का रहने वाला है। शैलेश धनबाद डिवीजन के बरकाकाना रेलवे स्टेशन के रांची रोड रेलवे स्टेशन पर गेटमैन है। उसका काम परीक्षार्थी तलाशना है, जबकि कौशल मंडल परीक्षार्थी के बदले परीक्षा देता था। इस काम के लिए उसे 50 हजार रुपये दिए जाते थे। नौकरी दिलाने का पैकेज पांच लाख रुपये है।
ऐसे होता है खेल
एसटीएफ के मुताबिक सॉल्वर गैंग परीक्षा में दो तरह से खेल करता है। जिन परीक्षा केंद्रों में बायोमेट्रिक हाजिरी होती वहां परीक्षार्थी के साथ सॉल्वर जाता है। मौका मिलते ही दोनों उत्तर पुस्तिकाएं बदल लेते हैं। जहां मैनुअल हाजिरी होती है, वहां सिर्फ सॉल्वर को भेजा जाता है।सूत्रों की मानें तो एसटीएफ को जानकारी मिली है कि अभी दो और इसी तरह के परीक्षार्थी हैं। उनकी तलाश की जा रही है। गौरतलब है कि सॉल्वर गैंग के बड़े ठिकाने के रूप में कानपुर चर्चित है। एसटीएफ इसीलिए रेलवे भर्ती परीक्षा पर नजर रखे हुए है।
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