पुलिस के रडार पर हैं शहर में रहने वाले 800 परिवार, जानिए क्या है वजह Kanpur News
डीजीपी का आदेश आने के बाद पुलिस अधिकारी सत्यापन अभियान शुरू करने की तैयारी कर रही है।
कानपुर, जेएनएन। बार्डर पार कर शहर में आकर बस गए 800 परिवार पुलिस के रडार पर हैं। डीजीपी के आदेश पर इनके सत्यापन की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। गली मोहल्लों में फेरी लगाने, कबाड़ बीनने वालों के रूप में आए संदिग्ध घुसपैठियों के पास मौजूद आधार, वोटर कार्ड आदि भारतीय दस्तावेजों की भी बारीकी से छानबीन की जाएगी।
शहर में करीब आठ सौ बांग्लादेशियों के बिना नागरिकता लिए वोटर बनने का मामला वर्ष 2010 में सामने आया था। उस दौरान वोटर लिस्ट से नाम हटाने का आदेश भी हुआ था। फिर भी नाम नहीं हटाए गए थे। 2016 में फिर इन्हें नागरिकता के सबूत देने और वोटर लिस्ट से नाम हटाए जाने के बाबत नोटिस दिए गए लेकिन वोटों की राजनीति में मामला दब गया था। इसके बाद कुछ बांग्लादेशियों ने तो भारत की नागरिकता ले ली लेकिन ज्यादातर बिना नागरिकता लिए ही वोटर बने बैठे हैं।
चुनाव भी लड़े तमाम बांग्लादेशी
सचेंडी के भौंती, पनकी, चकेरी के जाजमऊ, अहिरवां, कल्याणपुर के बारासिरोही, बिठूर रोड, रेलवे लाइनों के किनारे और नौबस्ता के मछरिया आदि इलाकों में ऐसी तमाम बस्तियां हैं, जहां बांग्लादेशी या अन्य देशों के नागरिक हैं। उनमें से कई परिवारों के पास तो अब आधार कार्ड, वोटर कार्ड और राशन कार्ड आदि भी हैं। कुछ वर्ष पूर्व तक झोपडिय़ों में रहने वाले तमाम परिवारों ने तो पक्के मकान बना लिए हैं। यही नहीं बीडीसी और प्रधान पद के लिए चुनाव भी लड़े।
-शासन की ओर से संदिग्ध व्यक्तियों का सत्यापन करने के लिए कहा गया है। निर्देश आते ही थानों की पुलिस के साथ ही एलआइयू को भी शामिल करके अभियान की शुरुआत की जाएगी। -राजकुमार अग्र्रवाल, एसपी पूर्वी