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डॉक्टर और एनजीओ दें पुलिस का साथ तो बन जाए बात, कानपुर पुलिस आयुक्त की अपील

कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए कानपुर पुलिस ने हर घर को अस्पताल बनाने का अभियान शुरू किया है। पुलिस आयुक्त ने डॉक्टरों और स्वयं सेवी संस्थाओं से अभियान से जुड़कर तीसरी लहर रोकने में मददगार बनने की अपील की है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Tue, 11 May 2021 11:54 AM (IST)Updated: Tue, 11 May 2021 11:54 AM (IST)
कानपुर पुलिस ने अभियान शुरू किया है।

कानपुर, जेएनएन। अगर शहर के हर घर को अस्पताल बना दिया तो कोरोना के संक्रमण को रोका जा सकता है। कमिश्नरेट पुलिस के इस अभियान का सोमवार से शुभारंभ हो गया। चूंकि अभी केवल दस डॉक्टरों का समूह ही बना है, इसलिए प्रयोग के तौर पर पुलिस कर्मियों के परिवारों को ही टेली मेडिसिन परामर्श देना शुरू किया गया है। पुलिस आयुक्त ने डॉक्टरों से अपील की है कि वह इस अभियान से जुड़कर शहर को महामारी से बचाने में अपना योगदान दें।

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पुलिस आयुक्त डॉ. असीम अरुण ने बताया कि अपर पुलिस आयुक्त डॉक्टर मनोज कुमार और एडीशनल डीसीपी डॉक्टर अनिल कुमार एमबीबीएस हैं। दोनों अधिकारियों ने महामारी को लेकर सघन अध्ययन करके इस पद्धति से संक्रमण रोकने की योजना तैयार की है। तमाम ऐसे फिजीशियन हैं जो इस समय प्रैक्टिस नहीं कर रहे हैं। डॉक्टरों को अपने घर से बाहर नहीं जाना होगा, बल्कि वह मोबाइल पर मरीज से बात करेंगे और इलाज शुरू करेंगे। ऐसे में डॉक्टरों की संस्था या डॉक्टर स्वयं इस अभियान से जुड़ सकते हैं। इसके लिए वह मोबाइल नंबर 9454401077 पर संपर्क कर सकते हैं। पुुलिस आयुक्त ने कहा कि दूसरी लहर कमजोर पड़ रही है, लेकिन अभी भी मरीजों की संख्या हजारों में है। वहीं तीसरी लहर की आशंका भी व्यक्त की जा रही है। ऐसे में अभी से तैयारी की जानी चाहिए।

वहीं डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि अभियान का प्रारंभ सोमवार से कर दिया गया है। चूंकि अभी उनकी टीम में डॉक्टरों की संख्या केवल दस है, इसलिए प्रयोग के तौर पर पुलिस कर्मियों व उनके परिवारों को टेली मेडिसिन परामर्श दिया जा रहा है। डॉ. अनिल ने बताया कि चूंकि महामारी से लडऩे में कुछ आयुर्वेदिक नुख्से व होम्योपैथिक दवाएं काम आ रही हैं, इसलिए डॉक्टरों की टीम में आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक चिकित्सक भी शामिल करने का फैसला लिया गया है।

पुलिसकर्मियों और उनके परिवार को मिल रही कोरोना किट

डॉ. अनिल ने बताया कि शासन के निर्देश पर पुलिस विभाग ने अपने कर्मचारियों व उनके परिवारों को कोरोना किट देना शुरू किया है। इसमें थर्मामीटर व ऑक्सोमीटर भी होगा। ठीक होने के बाद मरीज को दोनों यंत्र पुलिस विभाग को लौटाने होंगे।

इलाज की फीस भी मिलेगी

अभियान से जुडऩे वाले डॉक्टरों व नर्सिंग स्टाफ को फीस भी मिलेगी। डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि अभी फीस तय नहीं है, लेकिन जो होगा वह न्यूनतम होगा। एक विचार यह भी है कि यह फैसला मरीज पर ही छोड़ दिया जाए। उन्होंने गरीब मरीजों की इलाज में आने वाले खर्च के लिए शहर के स्वयंसेवी संगठनों से आग्रह किया है कि वह सभी अभियान से जुड़ें।


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