कोलकाता का रिटर्न देख सकेंगे कानपुर के अफसर
कोलकाता हो या कन्याकुमारी, कानपुर के अफसर अपने ऑफिस में बैठे-बैठे देश के किसी भी कारोबारी का रिटर्न देख सकेंगे।
राजीव सक्सेना, कानपुर : कोलकाता हो या कन्याकुमारी, कानपुर के अफसर अपने ऑफिस में बैठे-बैठे देश के किसी भी कारोबारी का रिटर्न देख सकेंगे। जीएसटी में मिलने वाली इस सुविधा से कर चोरों पर अंकुश लगाया जा सकेगा। कर चोरी की कवायद कितनी भारी पड़ेगी, इसका अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि एक क्लिक पर सारे आंकड़े सामने होंगे और आइटीसी से लेकर फर्जी कारोबार तक, सभी कुछ निगाह में होगा। अभी तक केवल सूबे की फर्मो से जुड़े रिटर्न ही देख पाने के कारण अफसर दूसरे राज्य की कंपनियों से जुड़ा फर्जीवाड़ा नहीं पकड़ पाते थे।
जीएसटी के शुरूआती माह में अफसर यही जानने को परेशान थे कि उनके क्षेत्र के किस कारोबारी का पंजीयन हुआ और किसका नहीं। तीन माह पहले जीएसटी ने वाणिज्य कर अफसरों को पूरे प्रदेश की फर्मो का रिटर्न देखने का अधिकार दे दिया। इसका लाभ मिला और फर्जीवाड़ा पकड़ में आने लगा। फर्जी खरीद-फरोख्त पकड़ी जाने लगी लेकिन सूबे के बाहर की फर्मो के लिए समस्या जस की तस है। तेल फैक्ट्री वाले मामले में उत्तराखंड और पंजाब से भी कच्चे माल की खरीद दिखाई गई है लेकिन प्रांत बाहर का होने के कारण अफसर इन कंपनियों की खुद जांच नहीं कर पा रहे।
एडीशनल कमिश्नर ग्रेड दो जोन एक कमलेश्वर प्रसाद वर्मा ने बताया कि जल्द ही सिस्टम लागू होने जा रहा है ताकि वाणिज्य कर अफसर हर राज्य के हर कारोबारी का रिटर्न को चेक कर सकें। इससे किसी भी कंपनी की खरीद और दूसरी कंपनी की बिक्री की हकीकत मिनटों में सामने आ जाएगी।
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जीएसटी में रह चुके हैं
हाल में ही स्थानांतरित होकर एडीशनल कमिश्नर ग्रेड टू, जोन वन के पद पर कानपुर आए कमलेश्वर प्रसाद वर्मा जीएसटी में राज्य से प्रतिनियुक्ति पर भेजे गए थे। जीएसटी से जुड़ी समस्याओं को निपटाने और नई सुविधाओं के लिए वह करीब एक वर्ष काम कर चुके हैं।