Kanpur News: अल्पसंख्यक आयोग की पूर्व सदस्य सोफिया अहमद की जान को खतरा, पति बना रहे भाजपा छोड़ने का दबाव
ट्वीट पर वीडियो पोस्ट करते हुए सोफिया ने आरोप लगाए हैं। वीडियो में उनका दर्द इस बात को लेकर भी है कि वह भाजपा से जुड़ी हैं और उसकी विचारधारा पर चलती हैं इसलिए पति पार्टी छोड़ने का दबाव बना रहे हैं।
कानपुर, जागरण संवाददाता: अल्पसंख्यक आयोग की पूर्व सदस्य सोफिया अहमद को पति से जान का खतरा है। इतना ही नहीं उनके बच्चे की जान भी सांसत में है। ट्वीट पर वीडियो पोस्ट करते हुए उन्होंने यह संगीन आरोप लगाए हैं। वीडियो में उनका दर्द इस बात को लेकर भी है कि वह भाजपा से जुड़ी हैं और उसकी विचारधारा पर चलती हैं, इसलिए पति पार्टी छोड़ने का दबाव बना रहे हैं। ननद गजाला लारी सपा पार्टी से चार बार की विधायक हैं। ऐसे में अब सोफिया ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से मदद की गुहार लगाई है।
HELP ME🙏 meri madat की जाए पूर्व सपा विधायक Ghazala Lari और उनके परेवार से मुझे और मेरे बेटे को जान माल की धामकी देते हुए मेरे पती Sharique Arafat Qureshi illegally दुसरी शादी करने जा रहे हैl pic.twitter.com/ohZg1sJ4MW
— SOFIA AHMED (@sofiaupmc) January 24, 2023
कोर्ट में विचाराधीन है तलाक का मुकदमा
स्वरूप नगर की सोफिया ने बताया कि उनका निकाह कर्नलगंज निवासी शारिक अराफात से 12 जून 2015 को हुआ था। आरोप है कि मनमाफिक दहेज न मिलने पर ससुराल वाले मारने-पीटने लगे। वर्ष 2016 में एक तलाक देकर पति ने घर से निकाल दिया था। इस मामले में मुकदमा कोर्ट में विचाराधीन है।
18 जनवरी 2023 को उन्हें जानकारी हुई कि शारिक 27 जनवरी को दूसरा निकाह करने जा रहा है। सोफिया ने कहा कि विधि अनुसार, एक विवाह होने के बावजूद दूसरा विवाह फर्जी संबंध विच्छेद बनाकर करना कानूनन अपराध है। उन्होंने आशंका जताई है कि विवाह की बात उजागर करने की वजह से उनकी जान को खतरा बना है।
पीएम और सीएम से मांगी मदद
आरोप लगाया है कि पति पार्टी छोड़ने और समझौता करने का दबाव बना रहा है। हर जगह मदद की गुहार लगाने के बाद अब उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मदद की गुहार लगाई है।
एसीपी बोले- होगी कार्रवाई
एसीपी कर्नलगंज मो. अकमल खां ने बताया कि वर्ष 2017 में महिला ने पति के तलाक देने की शिकायत की थी। उस वक्त तीन तलाक कानून नहीं था। फिलहाल मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड से सलाह ले रहे हैं। मंथन के बाद इस पर निष्कर्ष निकालकर कार्रवाई करेंगे।