पुलिस की मिलीभगत से फल-फूल रहे खनन माफिया, ग्रामीण परेशान
महाराजपुर के डोमनपुर में पिछले एक दशक से यहां अवैध खनन ग्रामीणों के लिए नासूर बना हुआ है। ग्रामीण विरोध करते हैं अधिकारियों से शिकायत भी करते हैं लेकिन जिम्मेदारों की मिलीभगत से कभी भी ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी है।
कानपुर, जेएनएन। नर्वल तहसील में खनन माफियाओं के तिलिस्म को तोड़ पाना, तहसील प्रशासन के लिए लगातार बड़ी चुनौती बना हुआ है। खनन माफियाओं के रसूख के आगे सिस्टम बौना नजर आता है। पिछले एक दशक से यहां अवैध खनन ग्रामीणों के लिए नासूर बना हुआ है। ग्रामीण विरोध करते हैं, अधिकारियों से शिकायत भी करते हैं लेकिन जिम्मेदारों की मिलीभगत से कभी भी ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी है।
नर्वल तहसील क्षेत्र में बारह से अधिक गांवों में अवैध खनन का धंधा फल-फूल रहा है। महाराजपुर के डोमनपुर में गुरुवार सुबह मिट्टी खनन कर रहे डंपरों से सडकों के टूटने व खनन की मिट्टी से हो रहे प्रदूषण से आक्रोशित ग्रामीणों ने डंपरों को रोक लिया और हंगामा करने लगे। पूछताछ में डंपर चालकों ने बताया कि वो हाईवे में मिट्टी पहुंचा रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि पूरी रात डंपर सोने नहीं देते। डंपरों के आवागमन से उड़ती धूल व मिट्टी से जीना दूभर हो गया है। खनन में लगे ओवरलोडेड डंपरों से क्षेत्रीय सड़क भी क्षतिग्रस्त हो रही हैं। पुरवामीर चौकी इंचार्ज नीरज बाबू ने बताया कि ग्रामीणों ने हाईवे में मिट्टी पहुंचा रहे डंपरों को रोका था। डंपर से एक कुत्ता मर जाने को लेकर ग्रामीणों की नाराजगी थी। बाद में चेतावनी देकर ग्रामीणों ने डंपरों को जाने दिया।
अंधेरा होते ही सक्रिय हो जाते खनन माफिया:
आसपास रहने वाले लोगों का कहना है कि रात का अंधेरा होते ही खनन माफिया सक्रिय हो जाते हैं। तहसील व स्थानीय थानों की मिलीभगत से जेसीबी व पोकलैंड मशीनों से पूरी रात धरती का सीना छलनी किया जाता है। किसानों की जमीनों पर अनुमति की आड़ में माफिया आसपास की सरकारी जमीनों को निशाना बनाते हैं। दिन में अनुमति वाली जगह पर मिट्टी खोदाई कर शासन के मानकों के मुताबिक खनन किए जाने की दुहाई दी जाती है। जबकि रात में चरागाह व ग्राम समाज की जमीनों को खोखला किया जाता है।