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सपा विधायकों के आने पर बैठक छोड़कर चली गईं मेयर, नगर आयुक्त से हुई तीखी बहस

चमनगंज में चट्टा हटाने के मामले पर नगर निगम कार्यालय में शहर काजी और घोसी समाज की बैठक बुलाई गई थी जिसपा सपा विधायकों को देखकर महपौर नाराज होकर चली गईं। बाद में विधायक इरफान सोलंकी और नगर आयुक्त के बीच बहस हो गई।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Sun, 27 Sep 2020 04:34 PM (IST)Updated: Sun, 27 Sep 2020 04:34 PM (IST)
सपा विधायक से आपत्ति जतातीं मेयर प्रमिला पांडेय और नगर आयुक्त अक्षय त्रिपाठी।

कानपुर, जेएनएन। चमनगंज में जानवर पकड़ने और चट्टे हटाने के मसले का हल निकालने के लिए शहर काजी और घोसी समाज के साथ बैठक में सपा विधायकों के आने पर महापौर नाराज हो गईं। बैठक को राजनीतिक अखाड़ा न बनाने की बात कहते हुए उनके जाते ही सपा विधायक और नगर आयुक्त के बीच तीखी झड़प हाे गई। इस पूरे हंगामे के बीच मसले का हल नहीं निकल सका।

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दरअसल, शनिवार को चमनगंज के घोसी मोहल्ले में नगर निगम की टीम द्वारा जानवरों को पकड़े जाने और चट्टे हटाने को लेकर लोग उग्र हाे गए थे। नगर निगम टीम पर पथराव करने के साथ ही पुलिस वाहनों में भी तोड़फोड़ कर दी थी। मौके पर मौजूद महापौर प्रमिला पांडेय भी बाल बाल बच गई थीं। बाद में महिलाओं के थाना घेरने पर दस्ता लौट गया था। वहीं पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार करके अज्ञात लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। इस मसले का हल निकालने के लिए रविवार को शहर काजी और घोसी समाज के साथ महापौर व नगर आयुक्त ने बैठक बुलाई थी।

रविवार की सुबह नगर निगम कार्यालय में महापौर प्रमिला पांडेय और नगर आयुक्त अक्षय त्रिपाठी की मौजूदगी में शहर काजी और घोसी समाज की बैठ शुरू हुई तो सपा विधायक इरफान सोलंकी और अमिताभ बाजपेयी भी पहुंच गए। सपा विधायकों को देखते ही महापौर का पारा चढ़ गया। सपा विधायक इरफान सोलंकी ने नगर अायुक्त से कहा कि मनमानी नहीं चलेगी, बिना नोटिस के अभियान कैसे चलाया गया। इस पर महापौर ने कहा कि कई बार नोटिस समाचार पत्रों मे निकल चुका है और शहर में अभियान चलाया जा रहा है। यह बात एक विधायक को पता तक नहीं है। महापौर ने कहा कि राजनीतिक अखाड़ा न बनाएं, बैठक घोसी समाज के साथ होनी थी, इसके बाद वह उठकर चली गईं। महापौर के जाते ही सपा विधायक इरफान सोलंकी और नगर अायुक्त के बीच तीखी झड़प शुरू हो गई। काफी बहस होने के बाद जब सपाई और विधायक चले गए तब बैठक में बात आगे बढ़ी।

यू चला बहस का दौर

विधायक -15 साल से विधायक हूं, प्रजातंत्र में तानाशाही नहीं चलेगी।

नगर अायुक्त - तानाशाही कोई नहीं कर रहा है, फिर अाप उठकर क्यों जा रहे है, मैडम को अापने बोला उठकर जाअो।

विधायक - मैने जाने को कहा यह गलत है, मैंने तो बैठने के लिए कहा।

नगर अायुक्त - शनिवार को एेसी स्थिति अा गई कि महापौर का सिर फूट सकता था।

विधायक - मुकदमा तो दर्ज करा दिया।

नगर अायुक्त - मुकदमा क्यों नहीं दर्ज कराएंगे।

विधायक - जवाब दें अाप, गुमराह न करो।

नगर अायुक्त - अाप सवाल करो जवाब देंगे।

विधायक - अापको जाने नहीं देगे।

नगर अायुक्त - अापको बात नहीं करनी है तो न करे। कौन जा रहा है, हमारा अाफिस है हम तो बैठे हैं।

इसके बाद विधायक शांत हो गए।


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