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गंगा में शवों के प्रवाहित करने से रोकने के लिए कानपुर में 15 सदस्यीय कमेटी गठित

कानपुर में महापौर की अगुवाई में 15 सदस्यों की कमेटी गठित की गई और बैठक में निगरानी की रूपरेखा तय की जाएगी। कमेटी की जिम्मेदारी होगी कि कोई शव न तो जल में प्रवाहित कर सके और न ही जल समाधि दी जाए।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Tue, 18 May 2021 10:58 AM (IST)Updated: Tue, 18 May 2021 10:58 AM (IST)
कानपुर में गंगा किनारे तेज होगी निगरानी।

कानपुर, जेएनएन। गंगा और अन्य नदियों में शवों को प्रवाहित करने से रोकने के लिए महापौर की अध्यक्षता में 15 सदस्यीय कमेटी गठित की गयी है। इस संबंध में कमेटी की पहली बैठक मंगलवार को नगर निगम मुख्यालय में होगी।

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कोरोना काल के दौरान नदियों में शवों को प्रवाहित किया जा रहा है। इससे नदियां दूषित हो रही है। इसको रोकने के लिए शासन ने सख्त कदम उठाए है। इस बाबत अपर मुख्य सचिव डॉ रजनीश दुबे ने सभी नगर आयुक्तों को कमेटी बनाकर कार्रवाई शुरू कराने के लिए कहा है। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरती जाए, इसके लिए नगर आयुक्त व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे। समिति को ख्याल रखना होगा कि कोरोना संक्रमित शवों का कोविड प्रोटोकाल के तहत निश्शुल्क अंतिम संस्कार कराया जाए। व्यय का वहन अपने अपने स्रोत से करना होगा। व्यय एक अंतिम संस्कार में पांच हजार रुपये से अधिक न हो।

यह होगी कमेटी

महापौर प्रमिला पांडेय की अध्यक्षता में 15 सदस्यीय कमेटी बनाई गई है इसमें नगर आयुक्त अक्षय त्रिपाठी संयोजक व सचिव होंगे। अफसरों में नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अजय संखवार, मुख्य अभियंता (सिविल) एसके ङ्क्षसह व मुख्य अभियंता (यांत्रिक) आरके पाल सदस्य है। इसके अलावा पार्षद कैलाश पांडेय, यशपाल सिंह, अमोद त्रिपाठी, विकास जायसवाल, अजीत, शरद मिश्रा, राशिद महबूब, मनोज कुमार पांडेय, मदन बाबू, कीर्ति अग्निहोत्री व सौरभ देव समिति में शामिल है।


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