कानपुर : जीटी रोड में जूनियर डाक्टरों ने एचबीटीयू छात्रों को पीटा, पुलिस के पहुंचने से पहले हमलावर फरार
कानपुर में मैगी प्वाइंट पर हुए बवाल में एचबीटीयू छात्रों की दौड़ा-दौड़ाकर पिटाइ कर दी। पीड़ित छात्रों ने जूनियर डाक्टरों पर बेवजह मारपीट करने का आरोप लगाया है। वहीं पुलिस की शह पर पूरी रात मैगी की दुकानें खुलती है।
कानपुर, जागरण संवाददाता। स्वरूप नगर पुलिस की लापवाही के चलते रावतपुर में जीटी रोड स्थित मैगी प्वाइंट पर आए दिन बवाल की घटनाएं होती हैं। शुक्रवार रात एक बजे मैगी खा रहे हरकोर्ट बटलर टेक्निकल यूनिवर्सिटी (एचबीटीयू) के छात्रों ने आरोप लगाते हुए कहा कि अचानक जीएसवीएम मेडिकल कालेज से आए जूनियर डाक्टरों ने उन्हें लाठी डंडों से पीटकर पथराव कर दिया। घटना से अफरातफरी मच गई जब तक पुलिस पहुंची आरोपित भाग निकले।
एचबीटीयू के छात्र अनिमेश ने जानकारी देते हुए कहा कि उनके साथ करीब 15-20 छात्र रात करीब एक बजे जीटी रोड चेस्ट हास्पिटल के पास मैगी खाने गये थे। वह मैगी खा ही रहे थे तभी जीएसवीएम मेडिकल कालेज के 10-12 जूनियर डाक्टर आए और गाली-गलौज करते उठने को कहा। छात्रों ने विरोध किया तो आरोपितों ने लाठी-डंडों से पीटना शुरू कर दिया और पथराव कर दिया जिससे जीटी रोड पर अफरातफरी मच गई। कंट्रोल रूम पर सूचना देने के बावजूद पुलिस को स्वरूप नगर थाने से घटनास्थल तक पहुंचने में करीब 15 मिनट लग गये तब तक आरोपित भाग निकले। मारपीट के दौरान करीब आधा दर्जन छात्र घायल हो गये। मौके पर पहुंचे पुलिसकर्मियों को एचबीटीयू छात्रों ने अपनी व्यथा बताई तो पुलिस ने तहरीर देने को कहा इस पर रिपोर्ट दर्ज कराने और कोर्ट के चक्कर काटने के डर से छात्र बिना तहरीर दिए ही अपने हास्टल लौट गये। एसीपी बृजनारायण सिंह ने बताया कि घटना की जानकारी नहीं है अगर छात्र तहरीर देते हैं तो कार्रवाई की जायेगी। मैगी प्वाइंट को समय से बंद कराया जायेगा।
पुलिस की शह पर पूरी रात खुलती हैं दुकानें- चेस्ट हास्पिटल के पास काकादेव और स्वरूप नगर पुलिस की शह पर पूरी रात मैगी की दुकानें खुलती है। जहां कारों में बैठकर युवक नशेबाजी करते है। जिससे अक्सर जाम लगता है। इस दौरान अक्सर यहां पर मारपीट भी होती है कार्रवाई के नाम पुलिस केवल दुकान बंद करवाकर चली जाती है। कुछ देर बाद ही फिर से दुकान खुल जाती है। आसपास के मेडिकल स्टोर संचालकों का कहना है कि मैगी दुकानों से पुलिस वसूली करती है जिसकी वजह से पुलिस कार्रवाई करने से बचती नजर आती है।