देश में फिर सबसे जहरीली हुई कानपुर की हवा, शहर में इन स्थानों पर है सबसे ज्यादा प्रदूषण Kanpur News
सेहत को नुकसान पहुंचा रहा गैसों का घनत्व सुबह व शाम को कोहरा पडऩे से हुई बढ़ोतरी।
कानपुर, जेएनएन। अत्यधिक प्रदूषित शहरों की सूची में कानपुर देश में फिर सबसे ऊपर हो गया है। यहां की हवा बेहद खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की ओर से गुरुवार को जारी रिपोर्ट से गैसों का घनत्व सेहत को नुकसान पहुंचाने वाला है। पर्टिकुलेट मैटर (पीएम 2.5), नाइट्रोजन डाईऑक्साइड (एनओटू), सल्फर डाईऑक्साइड (एसओटू) की मात्रा खतरे के निशान को पार कर चुकी है। देश भर में कानपुर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) 379 माइक्रोग्राम पर क्यूबिक मीटर रिकार्ड किया गया। दूसरे नंबर पर लखनऊ है। यूपीपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी एसबी फ्रैंकलिन के मुताबिक ठंड काफी होने लगी है, जिसकी वजह से दूषित हवाओं का स्तर भी बढ़ गया है। वायुमंडल के सबसे निचली परत पर गैसें जमा हो रही हैं। सुबह और शाम को कोहरा पडऩे पर घनत्व और भी ज्यादा हो जा रहा है।
स्मॉग का खतरा मंडराया
ठंड के साथ ही हल्का कोहरा पडऩे लगा है। वायु गुणवत्ता सूचकांक के लगातार बिगडऩे से खतरनाक गैसें कोहरे के साथ मिलकर स्मॉग बना सकती हैं। यह स्थिति सेहत के लिए बेहद नुकसानदायक होती है।
अत्यधिक दूषित शहरों की स्थिति
शहर एक्यूआइ
कानपुर 379
लखनऊ 374
पटना 371
मुजफ्फरपुर 356
मंडीदीप 291
जोरापोखर 277
आसनसोल 273
भोपाल 264
हावड़ा 259
कटनी 253
शहर में गैसों का अत्यधिक स्तर
गैस अत्यधिक स्तर
पीएम 2.5 427
एनओटू 123
एसओटू 50
पनकी और दादानगर की हवा सबसे ज्यादा खराब
पनकी और दादानगर की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित है। यहां धूल, गर्द और हानिकारक गैसों के अतिसूक्ष्म कणों की मात्रा कई गुणा अधिक मिली है। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) ने शहर के आवासीय, औद्योगिक और व्यवसायिक क्षेत्रों में हवा की स्थिति की रिपोर्ट जारी कर दी है। रिपोर्ट के मुताबिक यह स्थिति सांसों के लिए बेहद नुकसानदायक है। लंबे समय तक इसके बीच रहना खतरनाक हो सकता है।
शहर में स्थापित हैं आठ मानीटरिंग स्टेशन
यूपीपीसीबी की ओर से शहर में आठ जगह मॉनीटङ्क्षरग स्टेशन स्थापित किए गए हैं। इनमें किदवईनगर, जरीब चौकी, पनकी, शास्त्री नगर, आवास विकास कल्याणपुर, दादानगर, आइआइटी, रामादेवी शामिल हैं। किदवई नगर, शास्त्रीनगर, आवास विकास, दादानगर, आइआइटी को आवासीय क्षेत्र में रखा गया है, जबकि जरीब चौकी व रामादेवी व्यवसायिक और पनकी औद्योगिक क्षेत्र में शामिल हैं। यहां पार्टिकुलेट मैटर (पीएम 10), नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (एनओटू), सल्फर डाइ्रऑक्साइड (एसओटू) के स्तर की माप की गई। पीएम 10, एनओटू और एसओटू का मानक 80 माइक्रोग्राम पर क्यूबिक मीटर है। वहीं एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) अधिकतम 50 होनी चाहिए।
महीने भर में आती है रिपोर्ट
यूपीपीसीबी की ओर से सप्ताह में दो दिन दूषित हवा की जांच की जाती है। उसका आकलन कर महीने भर बाद रिपोर्ट जारी होती है।
सीपीसीबी से कम आंकड़े
यूपीपीसीबी की रिपोर्ट में दूषित गैसों के आंकड़े सीपीसीबी के ऑटोमैटिक स्टेशन से जारी रिपोर्ट की अपेक्षा कम हैं। यूपीपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी एसी फ्रैंकलिन का दावा है कि हमारी तकनीक सही तरह से मॉनीटर कर रही है।