कानपुर में लापरवाही के चलते धूल खा रहे लाखों के मैट्स, अधिकारी इस ओर नहीं दे रहे ध्यान
जानकारों के मुताबिक धूप और बारिश के साथ जमा धूल के कारण यह मैट्स खराब हो जाते हैं। इससे परे स्टेडियम में हर दिन किसी न किसी बड़े अधिकारी का आवगमन होता है। फिर भी किसी की नजर इस पर नहीं पड़ती है।
कानपुर, जेएनएन। अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम ग्रीनपार्क में अधिकारियों की लापरवाही के चलते लाखों के उपकरण इन दिनों से धूल खा रहे हैं। स्टेडियम में जूडो, कबड्डी, ताइक्वांडो के अंतरराष्ट्रीय स्तर के मैट्स लॉकडाउन के समय से ही सफाई व रख-रखाव के कारण बदहाल स्थिति में पड़े हुए हैं। खेल की दशा को सुधारने की मंशा से वर्ष 2017 में तत्कालीन डीएम सुरेंद्र सिंह के कार्यकाल में करीब 16 लाख की धनराशि से यह उपकरण खरीदे गए थे।आत्मरक्षा के खेल में खिलाडिय़ों को बेहतर मंच तक पहुंचाने के लिए अंतरराष्ट्रीय मानक की मैट्स की व्यवस्था की गई थी।
तत्कालीन क्षेत्रीय अजय कुमार सेठी के अथक प्रयास के चलते स्टेडियम में इन मैट्स को मंगवाया गया था। लॉकडाउन के समय में अजय कुमार सेठी के स्थानातंरण के बाद से ही जिम्मेदार अधिकारियों की नजर इन मैट्स पर नहीं पड़ी। लाखों के यह उपकरण कबड्डी मैदान में पिछले कई महीनों से पड़े हुए हैं। जानकारों के मुताबिक धूप और बारिश के साथ जमा धूल के कारण यह मैट्स खराब हो जाते हैं। इससे परे स्टेडियम में हर दिन किसी न किसी बड़े अधिकारी का आवगमन होता है। फिर भी किसी की नजर इस पर नहीं पड़ती है। विभाग में कार्यरत अधिकारी इस पर कुछ भी बोलने से कतराते हैं। यह हालात तब है कि जब मैट्स के यह खेल सबसे अधिक खिलाड़ी वाले खेल के साथ सर्वाधिक पदक दिलाने वाले खेल है।
वर्ष 2017 में हुआ था इन सुविधाओं का विस्तार
- सुविधाएं धनराशि
- बहुउद्देशीय क्रीड़ा संकुल का निर्माण करीब 23 लाख
- अंतरराष्ट्रीय स्तर के मैट्स करीब 16 लाख
- टीटी, क्रिकेट, भारोत्तोलन, बैडमिंटन के उपकरण करीब साढ़े छह लाख
- चार सिंथेटिक कोर्ट करीब 12 लाख
- टीटी हाल में फ्लोरिंग का कार्य करीब नौ लाख
- रंगाई पुताई का कार्य करीब 17 लाख
- विद्युतीकरण का कार्य करीब छह लाख
- क्रिकेट, वालीबॉल क्रेज का निर्माण करीब साढ़े तीन लाख
- कार्यालय का सौन्र्दीकरण करीब दो लाख