कानपुर में बच्चों को न यूनीफॉर्म मिली, न स्वेटर, अब बैग की आस भी खत्म
हालांकि स्कूल बंद होने की वजह से उन्हेंं यूनीफॉर्म नहीं मिल सकी। वहीं सर्दी की शुरुआत के पहले स्वेटर वितरण के लिए अक्टूबर तक की डेडलाइन शासन ने तय की मगर अफसर उसे भी वितरित न करा सके। शिक्षक संगठन के पदाधिकारियों का कहना है
कानपुर, जेएनएन। परिषदीय व उच्च परिषदीय विद्यालयों में पढऩे वाले बच्चों का इसे दुभार्गय ही कहेंगे, क्योंकि उन्हेंं इस सत्र में न तो यूनिफॉर्म मिली, न स्वेटर। वहीं अब तो दिसंबर तक स्कूल बंद करने का आदेश होने के बाद स्कूल बैग की आस भी खत्म हो गई। यह चर्चा अब शिक्षक संगठन के पदाधिकारी स्कूलों में करने लगे हैं। दरअसल इस सत्र में कोरोना महामारी के चलते मार्च से स्कूल बंद हो गए थे। इसके बाद सरकार ने मिडडे मील की राशि अभिभावकों के खातों में भेजने का फैसला जरूर किया।
हालांकि स्कूल बंद होने की वजह से उन्हेंं यूनीफॉर्म नहीं मिल सकी। वहीं सर्दी की शुरुआत के पहले स्वेटर वितरण के लिए अक्टूबर तक की डेडलाइन शासन ने तय की, मगर अफसर उसे भी वितरित न करा सके। शिक्षक संगठन के पदाधिकारियों का कहना है, जब दिसंबर तक स्कूल बंद हो गए। जनवरी-फरवरी में सर्दी के चलते पढ़ाई ठप हो सकती है। फिर मार्च में परीक्षाएं कराकर रिपोर्ट कार्ड देना होगा। ऐसी स्थिति में जब सत्र खत्म हो जाएगा तो कहां से स्कूल बैग वितरण हो पाएगा।
इनका ये है कहना
फिलहाल बच्चों को स्वेटर उपलब्ध कराने का काम चल रहा है। स्कूल बैग को लेकर शासन से अभी तक कोई आदेश नहीं आया है। जैसे निर्देश मिलेंगे, वैसे ही अनुपालन कराएंगे।
डॉ.पवन तिवारी, बीएसए