कानपुर: जीएसटी लागू होने के सवा चार वर्ष बाद आखिर वाणिज्य कर लिपिकों में हुआ कार्य का बंटवारा
केंद्र के साथ ही एक जुलाई 2017 को प्रदेश में भी वस्तु एवं सेवाकर अधिनियम 2017 लागू हो गया था लेकिन प्रदेश में वाणिज्य कर विभाग से राज्य वस्तु एवं सेवाकर विभाग में गए लिपिक संवर्ग को पद के मुताबिक क्या जिम्मेदारी है इसकी घोषणा नहीं हुई थी।
कानपुर, जेएनएन। जीएसटी लागू होने के सवा चार वर्ष बाद आखिर वाणिज्य कर विभाग के कर्मचारियों को उनके पद के हिसाब से कार्य का बंटवारा किया गया है। इसकी मांग जीएसटी लागू होने के बाद से कर्मचारी कर रहे थे। अब उनके कार्य, जिम्मेदारियां क्या-क्या रहेंगी। इनकी भी घोषणा कर दी गई है।
केंद्र के साथ ही एक जुलाई 2017 को प्रदेश में भी वस्तु एवं सेवाकर अधिनियम 2017 लागू हो गया था लेकिन प्रदेश में वाणिज्य कर विभाग से राज्य वस्तु एवं सेवाकर विभाग में गए लिपिक संवर्ग को पद के मुताबिक क्या जिम्मेदारी है, इसकी घोषणा नहीं हुई थी। इसके लिए वे काफी समय से मांग कर रहे थे लेकिन उनके पद के हिसाब से उनके पास क्या क्या कार्य रहेंगे, इसे तय नहीं किया जा पा रहा था। इस मामले में आइआइएम की रिपोर्ट भी मांगी गई थी। आखिरकार अब वाणिज्य कर विभाग के लिपिक संवर्ग, आशुलिपिक संवर्ग, मनोरंजन कर निरीक्षक, कंप्यूटर आपरेटर संवर्ग, संग्रह संवर्ग और संख्या संवर्ग के कार्य व दायित्वों का निर्धारण कर दिया गया है।
इसमें लिपिक संवर्ग में प्रशासनिक अधिकारी, प्रधान सहायक, वरिष्ठ सहायक और कनिष्ठ सहायक पद के हिसाब से कार्यों की घोषणा की गई है। कर्मचारी के बीच में इन्हें सबसे ऊपर रखा गया है। इसमें सभी के साथ इसका भी उल्लेख किया गया है कि किसे क्या करना है। वहीं इसके बाद आशुलिपिक या पेशकार के कार्य और दायित्व बताए गए हैं। तीसरे नंबर पर मनोरंजन कर निरीक्षकों के बारे में जानकारी दी गई है। ये वे कर्मचारी हैं जो पहले मनोरंजन कर विभाग में हुआ करते थे और जब जीएसटी लागू होने के बाद मनोरंज कर विभाग खत्म किया गया तो इन्हें वाणिज्य कर में स्थानांतरित कर दिया गया। किस अधिकारी के अधीन होेने पर इन्हें क्या अलग कार्य करने होंगे, इसका भी उल्लेख किया गया है। सचल दल इकाई में तैनाती होने पर इकाई द्वारा एकत्रित टैक्स इनवाइस बिलों की माड्यूल पर फीडिंग इन्हें करनी होगी। साथ ही बिल भी भेजने होंगे। इसके बाद संख्या संवर्ग को स्टेटमेंट बनाने की जिम्मेदारी दी गई है। वहीं कंप्यूटर आपरेटर को आनलाइन रिपोर्ट अधिकारी को देनी होंगी। संग्रह पर्यवेक्षक या संग्रह अधीक्षक को बिक्री कर, व्यापार कर, वैट के बकाए की वसूली करनी है।