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Kanpur Dead Body Case: अब जीवित नहीं हैं विमलेश गौतम, सीएमओ ने हैदराबाद आयकर विभाग को भेजी रिपोर्ट

कानपुर में डेढ़ साल तक आयकर कर्मी का शव घर में रखे रहने के मामले में सीएमओ ने उनके जीवित न होने की रिपोर्ट हैदराबाद इनमक टैक्स विभाग को भेज दी है। नगर स्वाथ्य अधिकारी को मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने का निर्देश दिया है।

By JagranEdited By: Abhishek AgnihotriPublished: Sat, 24 Sep 2022 10:38 PM (IST)Updated: Sat, 24 Sep 2022 10:38 PM (IST)
Kanpur Dead Body Case: अब जीवित नहीं हैं विमलेश गौतम, सीएमओ ने हैदराबाद आयकर विभाग को भेजी रिपोर्ट
कानपुर में डेढ़ साल से घर में शव रखा रहा।

कानपुर, जागरण संवाददाता। डेढ़ साल से घर में मृत रखे गए विमलेश गौतम के जीवित न होने की रिपोर्ट सीएमओ ने शनिवार को आयकर विभाग को हैदराबाद भिजवा दी। सीएमओ ने स्पष्ट कर दिया है कि आयकर कर्मी अब जीवित नहीं हैं। उनका मृत्यु प्रमाणपत्र 22 सितंबर 2021 को जारी किया जा चुका है। अब सीएमओ के स्तर से आगे कोई जांच नहीं कराई जाएगी।

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सीएमओ डा. आलोक रंजन के मुताबिक आयकर विभाग ने पत्र भेजकर पूछा था कि विमलेश कुमार जीवित हैं या नहीं जांच कराकर बताएं। साथ ही यह भी पूछा था कि क्या उनका मृत्यु प्रमाणपत्र जारी होना चाहिए।आयकर विभाग के पत्र के आधार पर डिप्टी सीएमओ डा. ओपी गौतम की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनाई थी, जिसमें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कल्याणपुर के अधीक्षक डा. अविनाश यादव और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रावतपुर के डा. आशीष सदस्य थे।

उन्होंने बताया कि टीम ने आयकर कर्मी के घर जाकर जांच की, जिसमें उनका कंकाल मिला, जाे काफी पुराना प्रतीत हो रहा था। स्वजन उन्हें मृत मानने को तैयार नहीं थे, जबकि उनका मृत्यु प्रमाणपत्र पहले जारी हो चुका था। ऐसे में टीम उनका शव लेकर एलएलआर अस्पताल गई और ईसीजी कराकर मृत का प्रमाण दिया। उसके बाद उनका दाह संस्कार कराया गया। पुराने मृत्यु प्रमाणपत्र के आधार पर नगर निगम के नगर स्वास्थ्य अधिकारी को मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के निर्देश दिए हैं।

जांच टीम को स्वजन ने बताए अस्पतालों के नाम

जांच टीम की रिपोर्ट के मुताबिक स्वजन उन्हें मोती हास्पिटल, अनुभव हास्पिटल व फार्चून हास्पिटल लेकर गए थे। हालांकि मोती हास्पिटल में सीवियर निमोनाइटिस की वजह से मौत होने की पुष्टि करते हुए मृत्यु प्रमाणपत्र जारी किया था। फिर भी स्वजन नहीं माने और अनुभव हास्पिटल लेकर गए, वहां उन्हें गंभीर बताया था, जबकि फार्चून हास्पिटल में जगह न होने पर लौटा दिया था। स्वजन का कहना है कि एक और अस्पताल लेकर गए, जहां हार्ट बीट चलने की बात कही गई, लेकिन उसका नाम नहीं बता सके। इसलिए उन्हें घर लेकर चले गए थे।

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