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गोरखपुर की घटना से सतर्क हुई कानपुर कमिश्नरेट पुलिस, अब चेकिंग के लिए बन रही गाइडलाइन

गोरखपुर में प्रापर्टी डीलर के साथ हुई घटना को देखते हुए कानपुर कमिश्नरेट पुलिस ने होटल धर्मशाला में चेकिंग के लिए गाइडलाइन तैयार करने की कवायद शुरू की है। इसमें दंड प्रक्रिया संहिता के कानूनों का पालन करने से समेत पारदर्शिता रखने का प्रयास होगा।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Sat, 02 Oct 2021 12:57 PM (IST)Updated: Sat, 02 Oct 2021 12:57 PM (IST)
गोरखपुर की घटना से सतर्क हुई कानपुर कमिश्नरेट पुलिस, अब चेकिंग के लिए बन रही गाइडलाइन
कानपुर में पुलिस ने पहल शुरू कर दी है।

कानपुर, [चंद्र प्रकाश गुप्ता]। गोरखपुर में प्रापर्टी डीलर की हत्या के बाद कानपुर कमिश्नरेट पुलिस सतर्क हो गई है और होटलों, सराय व धर्मशालाओं में तलाशी के लिए गाइडलाइन तैयार करने की पहल शुरू कर दी है। इसमें दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के कानूनों का अनिवार्य रूप से पालन तो कराया ही जाएगा, चेकिंग के दौरान पारदर्शिता बनाए रखने को जरूरी संसाधनों का इस्तेमाल किया जाएगा। 

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बर्रा निवासी प्रापर्टी डीलर मनीष गुप्ता के साथ हुई घटना को देखते हुए कमिश्नरेट पुलिस ने यह कवायद शुरू की है, ताकि गोरखपुर जैसी घटना की पुनरावृत्ति न हो। दोस्तों के साथ कारोबार के सिलसिले में गोरखपुर गए प्रापर्टी डीलर मनीष गुप्ता वहां एक होटल में ठहरे थे। चेकिंग के दौरान पुलिस उन्हेंं पकड़कर थाने ले गई। आरोप है कि इसके बाद थाने लाकर पुलिस ने उन्हेंं बेरहमी से पीटा, जिससे मनीष की मौत हो गई। जिस तरह से गोरखपुर पुलिस ने होटल पहुंचकर चेकिंग की, उससे दंड प्रक्रिया संहिता के नियम कानूनों का भी उल्लंघन सामने आया है।

स्वजन का कहना है कि नियमानुसार चेकिंग के दौरान होटल के मालिक, मैनेजर व स्टाफ को साथ होना चाहिए था और कम से कम दो स्वतंत्र गवाह भी होने चाहिए थे, लेकिन गोरखपुर पुलिस नियम कानूनों की धज्जियां उड़ाती रही। यही नहीं, बिना किसी अपराध के मनीष व उनके दोस्तों को पकड़कर पीटा गया। पुलिस आयुक्त असीम अरुण ने बताया कि गोरखपुर की घटना को देखते हुए शहर में होटलों, ढाबों व धर्मशालाओं की तलाशी के लिए नई गाइडलाइन तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। नियम कानूनों का पुलिस को भी सख्ती से पालन करना होगा। तलाशी के दौरान अनिवार्य रूप से वीडियोग्राफी होगी और इस दौरान होटल का स्टाफ व स्वतंत्र गवाह भी होंगे। अगर कोई अपराध होने की बात सामने आती है तो नियमानुसार ही कार्रवाई होगी।

जानिए, क्या होते है तलाशी लेने के नियम

अधिवक्ता कौशल किशोर शर्मा ने बताया कि अगर पुलिस को संदेह है कि किसी संपत्ति पर कुछ अवैध गतिविधियां संचालित हो रही हैं तो परिसर की तलाशी ले सकती है और एफआइआर दर्ज कर सकती है, लेकिन सीआरपीसी की धारा 100 के तहत तलाशी के दौरान होटल के अटेंडेंट या स्टाफ की मौजूदगी में ही पुलिस तलाशी लेगी। इलाके में रहने वाले दो स्वतंत्र गवाह भी साथ होने चाहिए। यही नहीं, तलाशी लेने वाले पुलिसकर्मी के बैज पर उसका नाम साफ नजर आना चाहिए।

अगर होटल के कमरे में कोई महिला है तो महिला पुलिस अधिकारी ही तलाशी लेगी। इसी तरह होटल से गिरफ्तारी के लिए भी सीआरपीसी की धारा 41 में प्रविधान है। इसके तहत अगर किसी व्यक्ति के खिलाफ कोई शिकायत है और पुलिस को संदेह है कि उसने संज्ञेय अपराध किया है तो पुलिस उसे बिना वारंट के गिरफ्तार कर सकती है। अगर कोई व्यक्ति बिना लाइसेंस के ड्रग्स, हथियार रखता है या वेश्यावृत्ति, अनैतिक व्यापार (रोकथाम) अधिनियम के तहत तस्करी जैसी गतिविधियों में लिप्त है तो भी उसे गिरफ्तार किया जा सकता है।

गाइडलाइन बनने तक होटलों में जांच पर रोक : पुलिस आयुक्त ने बताया कि होटलों में जांच की गाइडलाइन बनाने का काम किया जा रहा है। जब तक यह काम पूरा नहीं हो जाता, होटल व धर्मशाला में पुलिस की छापेमारी नहीं होगी।


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