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कोरोना की दूसरी लहर में भी वाणिज्य कर कानपुर ने तोड़े पिछले वर्ष के रिकार्ड, जानिए इसकी वजह

पिछले वर्ष किसी एक माह का सबसे ज्यादा राजस्व 230 करोड़ रुपये था लेकिन हालात बेहद विपरीत होते हुए भी कानपुर के अधिकारियों ने अप्रैल में पिछले वर्ष के किसी भी माह से ज्यादा राजस्व एकत्र किया। कानपुर के जोन एक ने 297.25 करोड़ रुपये एकत्र किए।

By Akash DwivediEdited By: Published: Mon, 17 May 2021 02:41 PM (IST)Updated: Mon, 17 May 2021 02:41 PM (IST)
कोरोना की दूसरी लहर में भी वाणिज्य कर कानपुर ने तोड़े पिछले वर्ष के रिकार्ड, जानिए इसकी वजह
गाजियाबाद के दोनों जोन भी कानपुर जोन एक से आगे चौथे और पांचवें स्थान पर रहे

कानपुर, जेएनएन। अप्रैल में ही कोरोना की दूसरी लहर शुरू हो गई थी और देखते ही देखते यह काफी तेजी पर आ गई थी। हर ओर लोग बीमार थे और तमाम लोग दम तोड़ रहे थे। इसमें उद्यमी और व्यापारी सभी शामिल थे। इसके बाद भी वित्तीय वर्ष के पहले माह अप्रैल में वाणिज्य कर विभाग के जोन प्रथम ने पिछले वर्ष के रिकार्ड को तोड़ दिया। पिछला वर्ष भी कोरोना से प्रभावित रहा था लेकिन बाद में जब हालत ठीक हो गए तो भी किसी एक माह में इतना राजस्व एक माह में एकत्र नहीं किया गया।

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पिछले वर्ष किसी एक माह का सबसे ज्यादा राजस्व 230 करोड़ रुपये था लेकिन हालात बेहद विपरीत होते हुए भी कानपुर के अधिकारियों ने अप्रैल में पिछले वर्ष के किसी भी माह से ज्यादा राजस्व एकत्र किया। कानपुर के जोन एक ने 297.25 करोड़ रुपये एकत्र किए। राजस्व एकत्र करने में कानपुर के दोनों जोन टॉप 10 में हैं। गौतमबुद्ध नगर ने एक बार फिर सबसे ज्यादा 623.26 करोड़ रुपये का राजस्व जुटाया वहीं लखनऊ का जोन एक दूसरे नंबर पर और जोन दो प्रदेश में तीसरे स्थान पर रहा। गाजियाबाद के दोनों जोन भी कानपुर जोन एक से आगे चौथे और पांचवें स्थान पर रहे।

राजस्व एकत्र करने में टॉप 10 जोन

  • जोन राजस्व
  • गौतमबुद्ध नगर 623.26
  • लखनऊ प्रथम 599.64
  • लखनऊ द्वितीय 547.20
  • गाजियाबाद प्रथम 431.98
  • गाजियाबाद द्वितीय 355.14
  • कानपुर प्रथम 297.25
  • प्रयागराज 229.45
  • आगरा 201.18
  • कानपुर द्वितीय 180.98
  • अलीगढ़ 155.05

इनका ये है कहना

  • अप्रैल में अच्छा संग्रह हुआ है। वित्तीय वर्ष की शुरुआत अच्छी हुई है। पिछले किसी भी वर्ष में इतना संग्रह किसी एक माह में नहीं हुआ था। कोरोना के बावजूद इतना संग्रह अधिकारियों और कर्मचारियों की मेहनत से है।

                                               पीके सिंह, एडीशनल कमिश्नर, ग्रेड वन, जोन वन, वाणिज्य कर विभाग। 


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