कानपुर के बोगी फ्रेम पर दौड़ेगी कोलकाता मेट्रो, 20 दिसंबर तक हो जाएगी रवाना
कानपुर की अपनी मेट्रो अभी चली हो या नहीं, लेकिन यह शहर कोलकाता की मेट्रो की जरूरत को पूरा करेगा है। कोलकाता मेट्रो कानपुर में तैयार बोगी फ्रेम पर दौड़ेगी।
By Edited By: Published: Sun, 25 Nov 2018 02:10 AM (IST)Updated: Sun, 25 Nov 2018 11:19 AM (IST)
कानपुर [राजीव सक्सेना] । कानपुर की अपनी मेट्रो अभी चली हो या नहीं, लेकिन यह शहर कोलकाता की मेट्रो की जरूरत को पूरा करेगा है। कोलकाता मेट्रो कानपुर में तैयार बोगी फ्रेम पर दौड़ेगी। कोलकाता में यूं तो मेट्रो चलती है, लेकिन भारी आबादी को देखते हुए वहां और मेट्रो की काफी ज्यादा जरूरत है। 16 बोगी फ्रेम की पहली रैक 20 दिसंबर तक कानपुर से रवाना हो जाएगी। ये बोगी फ्रेम पूरी तरह ट्रेन 18 की तर्ज पर होंगे।
देश में जल्द ही चलने जा रही सबसे तेज 'ट्रेन 18' के बोगी फ्रेम भी कानपुर में बने हैं। चेन्नई स्थित भारतीय रेलवे की इंट्रीगल कोच फैक्ट्री (आइसीएफ) को ये बोगी फ्रेम दिए गए थे और उसने ट्रेन 18 बनाई है। कोलकाता मेट्रो रेल कारपोरेशन ने भी अपनी मेट्रो के लिए आइसीएफ को आर्डर दिए हैं।
कानपुर में पनकी स्थित फैक्ट्री वेद सैसोमैकेनिका पहले ही ट्रेन 18 के बोगी फ्रेम बनाने की वजह से आइसीएफ की विश्वसनीय है। इसलिए मेट्रो के बोगी फ्रेम का आर्डर भी उसे मिला। कोलकाता की मेट्रो के बोगी फ्रेम का आर्डर पूरा करने के लिए इस समय पूरी तेजी से काम चल रहा है।
कंपनी को 16 बोगी फ्रेम की पहले खेप 20 दिसंबर से पहले देनी है। फैक्ट्री के पास 16 रैक का आर्डर है जो जून 2019 तक पूरा करना है। ये बोगी फ्रेम पहले चेन्नई जाएंगे। इसके बाद इंट्रीगल कोच फैक्ट्री इन पर पूरी बोगी बनाकर उन्हें कोलकाता रवाना करेगी। फैक्ट्री भारतीय रेल को शताब्दी, राजधानी और एलएचबी कोच के बोगी फ्रेम दे चुकी है।
नियमित हो रहा निरीक्षण
बोगी फ्रेम के निर्माण के लिए आइसीएफ के अधिकारी नियमित रूप से पनकी फैक्ट्री आते रहते हैं। वे बोगी फ्रेम की चेकिंग करते हैं।
यूरोपियन तकनीक से निर्माण
इन बोगी फ्रेम का निर्माण यूरोपियन तकनीक से हो रहा है। जर्मनी की रोबोटिक आर्म तकनीक का वेल्डिंग में इस्तेमाल हो रहा है। इससे वेल्डिंग सौ फीसद परफेक्ट होती है।फैक्ट्री मालिक रविंद्र नाथ त्रिपाठी कहते हैं कि बोगी फ्रेम किसी भी ट्रेन का सबसे जरूरी हिस्सा है। इसके ऊपर ही ट्रेन निर्भर करती है। 20 दिसंबर तक 16 बोगी फ्रेम की पहली रैक भेज देंगे है। अगले वर्ष जून तक 16 रैक भेजने हैं।
देश में जल्द ही चलने जा रही सबसे तेज 'ट्रेन 18' के बोगी फ्रेम भी कानपुर में बने हैं। चेन्नई स्थित भारतीय रेलवे की इंट्रीगल कोच फैक्ट्री (आइसीएफ) को ये बोगी फ्रेम दिए गए थे और उसने ट्रेन 18 बनाई है। कोलकाता मेट्रो रेल कारपोरेशन ने भी अपनी मेट्रो के लिए आइसीएफ को आर्डर दिए हैं।
कानपुर में पनकी स्थित फैक्ट्री वेद सैसोमैकेनिका पहले ही ट्रेन 18 के बोगी फ्रेम बनाने की वजह से आइसीएफ की विश्वसनीय है। इसलिए मेट्रो के बोगी फ्रेम का आर्डर भी उसे मिला। कोलकाता की मेट्रो के बोगी फ्रेम का आर्डर पूरा करने के लिए इस समय पूरी तेजी से काम चल रहा है।
कंपनी को 16 बोगी फ्रेम की पहले खेप 20 दिसंबर से पहले देनी है। फैक्ट्री के पास 16 रैक का आर्डर है जो जून 2019 तक पूरा करना है। ये बोगी फ्रेम पहले चेन्नई जाएंगे। इसके बाद इंट्रीगल कोच फैक्ट्री इन पर पूरी बोगी बनाकर उन्हें कोलकाता रवाना करेगी। फैक्ट्री भारतीय रेल को शताब्दी, राजधानी और एलएचबी कोच के बोगी फ्रेम दे चुकी है।
नियमित हो रहा निरीक्षण
बोगी फ्रेम के निर्माण के लिए आइसीएफ के अधिकारी नियमित रूप से पनकी फैक्ट्री आते रहते हैं। वे बोगी फ्रेम की चेकिंग करते हैं।
यूरोपियन तकनीक से निर्माण
इन बोगी फ्रेम का निर्माण यूरोपियन तकनीक से हो रहा है। जर्मनी की रोबोटिक आर्म तकनीक का वेल्डिंग में इस्तेमाल हो रहा है। इससे वेल्डिंग सौ फीसद परफेक्ट होती है।फैक्ट्री मालिक रविंद्र नाथ त्रिपाठी कहते हैं कि बोगी फ्रेम किसी भी ट्रेन का सबसे जरूरी हिस्सा है। इसके ऊपर ही ट्रेन निर्भर करती है। 20 दिसंबर तक 16 बोगी फ्रेम की पहली रैक भेज देंगे है। अगले वर्ष जून तक 16 रैक भेजने हैं।
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