इलेक्ट्रॉनिक कार्गो ट्रैकिंग सिस्टम वाला देश का दूसरा शहर बना कानपुर
कानपुर देश में इलेक्ट्रॉनिक कार्गो ट्रैकिंग सिस्टम की सुविधा वाला दूसरा शहर बन गया है। पनकी स्थित कंटेनर डिपो से नेपाल जा रहे कंटेनर को हरी झंडी दिखाई गई।
कानपुर (जेएनएन)। कानपुर देश में इलेक्ट्रॉनिक कार्गो ट्रैकिंग सिस्टम की सुविधा वाला दूसरा शहर बन गया है। सोमवार को सीमा शुल्क आयुक्त शिवकुमार शर्मा ने पनकी स्थित इनलैंड कंटेनर डिपो से नेपाल जा रहे कंटेनर को हरी झंडी दिखाई। नई सुविधा के तहत नेपाल सीमा पर माल को रोके बिना उसे जाने दिया जाएगा। इसके साथ बांग्लादेश के लिए भी आज से सुविधा शुरू कर दी गई है। देश में पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में ही यह सुविधा मौजूद थी।
नेपाल जाने वाले कार्गों को हरी झंडी
सीमा शुल्क आयुक्त ने बताया कि इस सुविधा के तहत कंटेनर को इनलैंड कंटेनर डिपो में ही इलेक्ट्रॉनिक तरीके से सीलबंद कर दिया जाता है और निर्यात की सारी जरूरी कार्यवाही यहीं कर ली जाती है। इसके बाद कंटेनर को रवाना कर दिया जाता है। बॉर्डर पर मौजूद अधिकारी यह जानकारी इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम पर कर लेते हैं कहीं पर कंटेनर को टेंपर तो नहीं किया गया है। इसके बाद कंटेनर को दूसरे देश में जाने दिया जाता है। इस सिस्टम का एक लाभ यह भी है कि पूरे रास्ते में किस समय कंटेनर कहां है इसकी जानकारी कंप्यूटर सिस्टम पर किसी भी समय की जा सकती है। उन्होंने बताया कि अभी नेपाल माल भेजने में सीमा पर पूरा माल चेक कर जाने दिया जाता था, इस सिस्टम से जाने पर अब वहां पर चेकिंग नहीं होगी।
अब समय कम लगेगा
इसी तरह बांग्लादेश माल भेजने के लिए कानपुर से पहले मुंबई पोर्ट माल भेजना पड़ता था वहां से पानी के जहाज द्वारा माल श्रीलंका से होते हुए बांग्लादेश पहुंचता था। इस प्रक्रिया में 2 माह तक लग जाते थे। सड़क मार्ग से बंगलादेश माल भेजने पर पेट्रा पोल बॉर्डर पर 20 दिन तक कंटेनर खड़े रहते थे और माल को पहुंचने में 1 महीने तक लग जाता था। इस नई सुविधा से पेट्रा पोल पर ही भी माल की चेकिंग नहीं होगी और 6 दिन में निर्यातक का माल बांग्लादेश पहुंच जाएगा। इस मौके पर सबसे पहला कंटेनर स्पर्क इंडस्ट्री के विजय अग्रवाल का रवाना हुआ।