कानपुर आंचल प्रकरण : क्राइम ब्रांच को घर में तीन स्थानों पर मिला मानव रक्त, अब बदल सकती है जांच की दिशा
आंचल खरबंदा की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत की जांच क्राइम ब्रांच ने शुरू की है। डीसीपी क्राइम की मौजूदगी में फोरेंसिक विभाग ने तीसरी बार मौके का मुआयना किया। टीम को आंचल के कमरे की दीवार पर दो व कमरे की बाहरी दीवार पर एक स्थान पर खून मिला है।
कानपुर, जागरण संवाददाता। मसाला कारोबारी सूर्यांश खरबंदा की पत्नी आंचल खरबंदा की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत की जांच क्राइम ब्रांच ने शुरू कर दी है। बुधवार को डीसीपी क्राइम सलमान ताज पाटिल के नेतृत्व में क्राइम ब्रांच व फोरेंसिक की टीम ने घटनास्थल का मौका मुआयना किया। आंचल का स्वजन लगातार आरोप लगा रहे थे कि उसके कमरे की दीवारों पर उन्होंने खून के निशान देखे थे, जिन्हें जांच का हिस्सा नहीं बनाया गया और जब बेंजाडीन टेस्ट हुआ तो तीन स्थानों पर दीवारों में मानव रक्त की मौजूदगी की पुष्टि हुई। इस नए घटनाक्रम से पुलिस की जांच की दिशा बदल सकती है।
आंचल खरबंदा की मौत आत्महत्या थी या उसकी हत्या की गई, अब तक पुलिस इस सवाल का जवाब नहीं तलाश सकी है। पुलिस ने दहेज प्रताडऩा की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस की जांच में प्रथम दृष्टया यह मामला आत्महत्या का बताया गया, लेकिन जब आंचल के स्वजन ने हत्या का आरोप लगाया और उससे जुड़े अपने सबूत पुलिस अधिकारियों को दिए तो इन बिंदु पर भी जांच शुरू हुई। आंचल के स्वजन नजीराबाद पुलिस की जांच से संतुष्ट नहीं थे, जिसके बाद पुलिस आयुक्त ने जांच क्राइम ब्रांच स्थानांतरित कर दी है। जांच अब एडिशनल डीसीपी क्राइम मनीष सोनकर कर रहे हैं। बुधवार को डीसीपी क्राइम सलमान ताज पाटिल पहली बार घटनास्थल को देखने पहुंचे। उनके साथ फोरेंसिक टीम भी थी, जो कि तीसरी बार जांच को आई थी। आंचल के स्वजन की ओर से पुलिस को लिखित रूप से अपना पक्ष दिया गया किया कि जांच के किन बिंदुओं को लेकर वह संतुष्ट नहीं हैं। इसमें प्रमुख बिंदु घटनास्थल पर खून की मौजूदगी था। फोरेंसिक टीम ने जब बेंजाडीन जांच की तो जिस बाथरूम में लटका हुआ आंचल का शव मिला था, उसमें कमरे की ओर दीवार और दरवाजे की चौखट पर खून की मौजूदगी पाई गई। इसके अलावा आंचल के कमरे के बाहर दरवाजे के बगल में दीवार पर भी मानव रक्त की मौजूदगी मिली। इस नए तथ्य को पुलिस ने अपनी जांच रिपोर्ट में शामिल कर लिया है।
पंचनामा में होंठ फटे होने की बात
वैसे तो आंचल की पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में उसे किसी ऐसी चोट का जिक्र नहीं है, जिसकी वजह से खून बहा हो, लेकिन पंचनामा में उसके होंठ फटे होने का जिक्र है। माना जा रहा है कि यह खून वही हो सकता है। मगर, रक्त की मौजूदगी उतनी नहीं है, जिससे पुलिस यह पता लगा सके कि जो रक्त दीवारों पर पाया गया, वह आंचल का ही था।
नौकरानियों के बयानों की सत्यता भी खंगालेगी पुलिस
नौकरानियों ने बयान दिया था कि उन्होंने कमरे के बाहर लगे कांच से देखा था कि आंचल ने अंदर आत्महत्या कर ली है। क्राइम ब्रांच नौकरानियों के बयानों का भी परीक्षण कर रही है। ठीक वैसा ही कांच दूसरी ओर कमरे में भी लगा है। डीसीपी क्राइम ने आदेश दिया है कि रात के समय अंदर कमरे की बिजली जलाकर यह देखा जाए कि अंदर कमरे में कहां तक दिखाई पड़ रहा है। अगर अंदर दिखाई पड़ा तो नौकरानियों की बात यही निकलेगी, नहीं तो उनके बयान भी संदेह के घेरे में आ जाएंगे।
दोनों नौकरानियां घर लौटीं
आंचल की दोनों नौकरानियां इस वक्त कानपुर में नहीं हैं। बताया जा रहा है कि दोनों अपने घर लौट गईं हैं। दोनों लड़कियों का इस तरह वापस जाना भी संदेह पैदा कर रहा है। पुलिस ने अपने पहले पर्चे में ही नौकरानियों के बयानों से दर्ज किया हुआ है कि सूर्यांश की मां आंचल खरबंदा उन्हें आंचल के बाथरूम में नहाने के लिए कहती थीं।
पुलिस ने आरोपित पक्ष को सौंपा खरबंदा हाउस
अशोक नगर स्थित खरबंदा हाउस पुलिस ने आरोपितों को सौंप दिया है। घटना वाले दिन पुलिस ने खरबंदा हाउस सील कर दिया था। बुधवार को टीम खरबंदा हाउस पहुंची तो सील खुली मिली। आचंल के भाई अक्षय ने इस पर आपत्ति की तो उन्हें बताया गया कि साक्ष्य संकलन का काम समाप्त हो गया है, इसलिए 28 दिसंबर को ही घर आरोपित पक्ष के हवाले दिया गया है। सूर्यांश के श्वान भी अब उसके ही घर आकर रहने लगे हैं।
यह है मामला
अशोक नगर निवासी सूर्यांश खरबंदा की शादी काकादेव निवासी पवन ग्रोवर की बेटी आंचल से हुई थी। आरोप है कि 70 लाख रुपये दहेज न देने के आरोपों में आंचल की उसके ससुराल वालों ने 19 नवंबर की रात हत्या कर शव फांसी पर लटका दिया था। पुलिस को आंचल का शव उसके कमरे के अटैच बाथरुम में स्थित पंखे पर लटकता मिला था और पुलिस इस मामले में आत्महत्या या हत्या के बिंदुओं पर जांच कर रही है और आरोपितों के खिलाफ दहेज हत्या की धाराओं में मुकदमा दर्ज है इस प्रकरण में सूर्यांश खरबंदा और उसकी मां निशा खरबंदा को पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। जबकि छह अन्य नामजद आरोपितों के खिलाफ जांच चल रही है।