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शादी अनुदान फर्जीवाड़े में कानूनगो भी फंसे, कानपुर में 362 आवेदक फिर मिले अपात्र

कानपुर में अपात्रों को शादी अनुदान का लाभार्थी बनाए जाने के मामले की जांच चल रही है। अबतक चार लेखपालों को निलंबित किया जा चुका है। कानूनगो के विरुद्ध भी निलंबन की कार्रवाई की जा सकती है ।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Sat, 03 Apr 2021 01:58 PM (IST)Updated: Sat, 03 Apr 2021 01:58 PM (IST)
कानपुर में शादी अनुदान फर्जीवाड़े में शिकंजा कस रहा है।

कानपुर, जेएनएन। शादी अनुदान फर्जीवाड़े में तीन कानूनगो के नाम भी सामने आए हैं। इन पर निलंबन की कार्रवाई हो सकती है, क्योंकि किसी भी कानूनगो ने लेखपालों की रिपोर्ट का सत्यापन ही नहीं किया। वे सिर्फ हस्ताक्षर करते रहे। मामले में चार लेखपाल पहले ही निलंबित हो चुके हैं। 

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शादी अनुदान में फर्जीवाड़े की जांच का दायरा जितना बढ़ रहा है, अपात्रों की संख्या भी उतनी बढ़ती जा रही है। फिलहाल 362 अपात्रों के विरुद्ध मुकदमे के लिए तहरीर दी जा चुकी है। इससे राजस्व महकमे में तैनात अफसरों और कर्मियों की बेचैनी भी बढ़ गई है। दरअसल विवेचना के दौरान मुकदमे में उन लेखपालों और कानूनगो का नाम शामिल होगा, जिनके हस्ताक्षर हैं। ऐसे में लेखपाल और कानूनगो की भी मुश्किल बढ़ेगी और ऑनलाइन फाइल अप्रूव करने वाले उप जिलाधिकारी भी फंसेंगे। कूटरचित दस्तावेज तैयार कर शादी अनुदान हड़पने की साजिश रचने के इस खेल में अपात्रों को पकडऩा भी पुलिस के लिए भी चुनौती होगी क्योंकि तमाम ऐसे आवेदनकर्ता हैं, जिनका पता ही फर्जी है। हालांकि उनके बैंक खातों के आधार पर वास्तविक पते की जानकारी हो जाएगी।

इन सबके बीच ही अब कानूनगो पर भी निलंबन की तलवार लटक गई है। पिछले दिनों समाज कल्याण अधिकारी कार्यालय में जाकर फार्मों की जांच करने वाले नायब तहसीलदार विराग करवरिया ने अपनी रिपोर्ट में चार लेखपालों के हस्ताक्षर वाले 277 फार्म छांटे थे। इन्हें निलंबित किया जा चुका है। रिपोर्ट में तीन कानूनगो रश्मी सिंह, धीरज त्रिपाठी और सत्यप्रकाश वर्मा का भी है। इन तीनों के हस्ताक्षर उन आवेदनों पर है जो अपात्र होने के बावजूद पात्र बताए गए। अब रिपोर्ट एसडीएम तक पहुंच गई है। माना जा रहा है कि इन पर भी जल्द कार्रवाई हो सकती है।

राइटिंग एक्सपर्ट से हस्ताक्षर का मिलान

लेखपाल संघ निलंबित लेखपालों को बहाल करने का दबाव एसडीएम पर बना रहा है, लेकिन बहाली बहुत आसान नहीं दिख रही है। लेखपालों ने कहा कि आवेदन पत्रों पर उनके हस्ताक्षर नहीं हैं। ऐसे में अब हस्ताक्षर के मिलान के लिए राइटिंग एक्सपर्ट की मदद ली जाएगी। इससे पता चल जाएगा कि हस्ताक्षर उनके हैं या नहीं। एक अफसर के मुताबिक जल्द ही हस्ताक्षर का नमूना और फार्म राइटिंग एक्सपर्ट को दिए जाएंगे। पुलिस भी हस्ताक्षर का मिलान करा सकती है।


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