अब आयकर विभाग की नजर से बच नहीं पाएंगे छोटे जिलों के सराफा कारोबारी, जांच की रूपरेखा तैयार
बांदा में 11 करोड़ रुपये की अघोषित संपत्ति मिलने के बाद महकमा हुआ सतर्क। मथुरा के सराफा कारोबारी के कंप्यूटर हार्ड डिस्क के सहारे अब आयकर अधिकारी आगे बढऩे की तैयारी कर रहे हैं। अधिकारियों के मुताबिक और कारोबारियों को भी इस तरह की अघोषित ज्वैलरी दी जा सकती है।
कानपुर, जेएनएन। बांदा में 20 किलो सोना और 200 किलो चांदी के अघोषित जेवर मिलने के बाद आयकर विभाग ने अब छोटे शहरों को अपने रडार पर ले लिया है। अधिकारियों का मानना है कि छोटे शहरों के नाम पर वहां के सराफा कारोबारी अक्सर निगाह से बचे रहते हैं और करोड़ों का कारोबार बिना टैक्स चुकाए करते रहते हैं। इसके साथ ही अधिकारियों ने मथुरा के सराफा कारोबारी के प्रतिष्ठान से कब्जे में लिए कंप्यूटर हार्ड डिस्क को भी खंगालना शुरू कर दिया है क्योंकि आयकर अधिकारियों का मानना है कि वह सिर्फ बांदा में ही जेवरों की सप्लाई नहीं कर रहा होगा। ऐसा अन्य जिलों में भी हो सकता है।
फॉरेंसिक जांच से कराई जा रही बड़े स्तर पर जांच
आयकर विभाग के अधिकारियों की निगाह से ज्यादातर छोटे जिलों के कारोबारी बचे रहते हैं। बांदा में इस बार 11 करोड़ रुपये के अघोषित जेवर मिलने के बाद विभागीय अधिकारियों की नजर अब छोटे जिलों की तरफ भी गई है। मथुरा के सराफा कारोबारी के कंप्यूटर हार्ड डिस्क के सहारे अब आयकर अधिकारी आगे बढऩे की तैयारी कर रहे हैं। इसकी फॉरेंसिक जांच कराई जा रही है ताकि अगर कोई डाटा मिटाया गया हो तो उसे भी दोबारा हासिल किया जा सके। अधिकारियों के मुताबिक अगर मथुरा का कारोबारी बांदा तक अपने जेवर बेच रहा है तो रास्ते में और भी तमाम छोटे जिले हैं जिनमें भी सप्लाई होगी क्योंकि कारोबार सिर्फ एक व्यक्ति को सप्लाई करने से नहीं चल सकता। इसके साथ ही जब एक कारोबारी को इस तरह की सप्लाई हो रही है तो और कारोबारियों को भी इस तरह की अघोषित ज्वैलरी दी जा सकती है।
पहले ही बांदा में सामने आया था ऐसा ही किस्सा
बांदा में पिछली बार भी आयकर विभाग को करीब छह करोड़ रुपये की अघोषित आय मिली थी। इसलिए विभाग मान रहा है कि छोटे शहर भी कारोबार के बड़े गढ़ हैं। अभी तक बांदा में विभाग ने एक सराफा कारोबारी परिवार के छह प्रतिष्ठान व एक अन्य प्रतिष्ठान पर ही कार्रवाई की है। विभाग अब और प्रतिष्ठानों पर भी जांच शुरू करने की तैयारी में है।