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बाजारों से लेकर चौराहों तक लगा जाम, दिन भर रेंगते रहे वाहन

त्योहार की खरीदारी के लिए बाजारों में भीड़ उमड़ने और वीआइपी कार्यक्रम के कारण मंगलवार को पूरे शहर में जाम की स्थिति रही। दोपहर बाद वीआइपी रोड पर तो शाम को घंटाघर से टाटमिल तक वाहन फंसे रहे। अफीमकोठी नौबस्ता बजरिया और मूलगंज के पास भी दिन भर वाहन रेंगते रहे और जरूरी कार्यो से निकले लोग घंटे भर बाद अपने गंतव्य को पहुंच सके।

By JagranEdited By: Published: Wed, 23 Oct 2019 01:31 AM (IST)Updated: Wed, 23 Oct 2019 06:20 AM (IST)
बाजारों से लेकर चौराहों तक लगा जाम, दिन भर रेंगते रहे वाहन
बाजारों से लेकर चौराहों तक लगा जाम, दिन भर रेंगते रहे वाहन

जागरण संवाददाता, कानपुर : त्योहार की खरीदारी के लिए बाजारों में भीड़ उमड़ने और वीआइपी कार्यक्रम के कारण मंगलवार को पूरे शहर में जाम की स्थिति रही। दोपहर बाद वीआइपी रोड पर तो शाम को घंटाघर से टाटमिल तक वाहन फंसे रहे। अफीमकोठी, नौबस्ता, बजरिया और मूलगंज के पास भी दिन भर वाहन रेंगते रहे और जरूरी कार्यो से निकले लोग घंटे भर बाद अपने गंतव्य को पहुंच सके।

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वीआइपी रोड पर कचहरी के पीछे आधी सड़क तक वाहन खड़े हो गए। बगल में ही पुलिस लाइन में उस वक्त डीजी सीबीसीआइडी समीक्षा बैठक कर रहे थे, लेकिन पुलिस बेफिक्र रही। इस वजह से दोपहर दो बजे से लेकर शाम पांच बजे तक वाहन रेंगते रहे। इसी तरह शाम को घंटाघर से टाटमिल के बीच माल लेकर आ रहे वाहनों के चलते भीषण जाम लगा। टाटमिल पुल और नया पुल पर भी वाहन फंसे। चौराहा पार करने में ही लोगों को बीस मिनट से आधे घंटे का वक्त लगा। पी रोड, सीसामऊ बाजार और जरीब चौकी पर भी दिन भर सवारी वाहनों की भेड़चाल के चलते राहगीर हलकान रहे। पड़ोस में ही सीसामऊ थाना होने के बावजूद पुलिसकर्मी जाम खुलवाने नहीं पहुंचे।

पॉश इलाकों में शुमार आर्यनगर चौराहे, बेनाझाबर रोड ब्रह्मनगर और मोतीझील के पास भी यही हाल था। यहां तीन एंबुलेंस भी जाम में फंसी रहीं। चौराहा पार करने में उन्हें 20 मिनट लग गए। टीआइ अनिल कुमार ने बताया कि ट्रैफिक पुलिस में होमगार्ड की संख्या कम होने के साथ ही वीआइपी मूवमेंट की वजह से कुछ चौराहों पर जाम की स्थिति रही थी। लेकिन जल्द ही जाम खुलवा लिया गया।

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पिछले दिनों हटाए गए थे होमगार्ड

शासन के निर्देश पर पुलिस विभाग के बजट से वेतन पा रहे होमगार्डो को हटा दिया गया था। ट्रैफिक पुलिस में ऐसे होमगार्डो की संख्या करीब 150 है। उनके जाने से यातायात व्यवस्था प्रभावित हुई है। चौराहों पर यातायात नियंत्रण में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।


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