घर से लापता मासूम भाई-बहन के लिए 'बजरंगी भाईजान' बने पुलिस अंकल Jalaun News
खेलते-खेलते दूर निकले बच्चे घर का रास्ता भूल गए और सड़क पर ठिठुरते हुए रात गुजारी।
जालौन, जेएनएन। बजरंगी भाईजान फिल्म जिसने भी देखी, वो 'मुन्नी' के किरदार को भूल नहीं सका और अभिनेता Salman Khan के अभिनय में 'बजरंगी भाईजान' के जज्बे को सलाम किया। कुछ ऐसा ही वाक्या उरई के पटेल नगर अनमोल वाली गली में भी सामने आया। यहां खेलते-खेलते दूर निकल आए मासूम भाई-बहन घर का रास्ता भूल गए तो पुलिस वाले अंकल बजरंगी भाईजान बन गए। घर से लापता भाई-बहन को फिल्म की कहानी की तरह पुलिस ने स्वजनों से मिलाया। बच्चों को देख उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा और उन्हें सीने से चिपकाया तो आंखें नम हो गई।
उरई के पटेल नगर में रहने वाले दंपती का तीन साल का बेटा और पांच साल की बेटी घर के बाहर खेल रहे थे। मासूम भाई-बहन खेलते-खेलते दूर (जमुना पैलेस) निकल गए और रास्ता भटक गए। उन्हें घर पर न देख परेशान परिजनों ने उनकी खोजबीन शुरू की। इधर, दोनों ने हल्की ठंड में रात सड़क पर भूखे पेट ठिठुरते हुए गुजारी। सुबह होते ही दोनों ने घर की तलाश में इधर-उधर भटकने लगे। इस बीच किसी ने बच्चों को भटकते देखकर यूपी 112 पर सूचना दी। मौके पर आई पुलिस ने पुचकारा तो डरे हुए मासूम ने पुलिस वाले अंकल का हाथ थम लिया और घर ले जाने की जिद करने लगे। मासूम बच्चों से नाम व पता पूछा लेकिन वो कुछ बता नहीं सके।
बच्चों को लेकर पुलिस अंकल अब उन्हें घर तक पहुंचाने की जिद पर अड़ गए। आसपास थानों में भी गुमशुदगी दर्ज होने की जानकारी की लेकिन कुछ पता नहीं चला। पुलिस को अनुमान था कि शाम को लापता होने व पैदल भटकने के चलते बच्चे आसपास के ही किसी मोहल्ले के हैं। इसके बाद बच्चों की अंगुली पकड़कर एक मोहल्ले से दूसरे मोहल्ले ले जाकर पहचान कराते रहे। इसी बीच पटेल नगर में अनमोल वाली गली पहुंचने पर बच्चों ने बजरंगी भाईजान की मुन्नी की तरह अपने घर की ओर इशारा करके बताया। इसपर पीआरवी पुलिस कर्मियों ने आसपास पूछताछ की। पता चला कि तीन वर्ष की रोशनी व उसका भाई पांच वर्ष का शिवम गुरुवार को लापता हो गए थे। पिता पप्पू वर्मा ने बताया कि कोतवाली में शाम को सूचना दी थी। वहीं प्रकरण संज्ञान में आते ही पुलिस उच्चाधिकारी भी पहुंच गए और छानबीन के बाद बच्चों को पिता के सुपुर्द कर दिया। एएसपी डॉ. अवधेश सिंह ने बताया कि पीआरवी की सूझबूझ से बच्चों को उनके परिवार वालों तक पहुंचाने में सफलता मिली है।