रहनस के जंगलों में 'घुसपैठियों' पर टूट पड़ी आइटीबीपी
नजफगढ़ व रहनस के बीच जंगल में शुरू हुआ एक सप्ताह का युद्धाभ्यास
संवाद सहयोगी, महाराजपुर : देश की सीमा पर दुश्मन कहां से घुसपैठ कर सकता है। यदि घुसपैठ करने में आतंकवादी सफल हो गए हैं तो वह कहां छिपे हुए हैं। दुश्मन की हर छोटी-बड़ी गतिविधि का पता लगाकर उस पर कब आक्रमण करना है, जिससे उसे नेस्तनाबूद किया जा सके। इसके लिए आइटीबीपी जवान विपौसी-नजफगढ़ के जंगलों में युद्धाभ्यास कर रहे हैं।
महाराजपुर स्थित 32वीं वाहिनी आइटीबीपी के जवानों को एक सप्ताह का युद्धाभ्यास कराया जा रहा है। युद्धाभ्यास नौ जुलाई से शुरू हुआ है, जो 15 जुलाई तक चलेगा। युद्धाभ्यास महाराजपुर के रहनस व नजफगढ़ गांव के बीच गंगा किनारे जंगल में नरायनपुर झरना स्थित एकांत स्थान पर कराया जा रहा है।
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भारत-पाक व भारत-चीन समूह में होता है अभ्यास
युद्धाभ्यास के दौरान जवानों को कई समूहों में बांट दिया जाता है। भारत-पाक व भारत-चीन की टीमों में जवानों को बांटकर अलग-अलग सीमा चिह्नित कर दी जाती है। इसके बाद कारगिल युद्ध व अन्य युद्धों के बारे में जवानों को विस्तार से बताया जाता है कि किस प्रकार से दुश्मन देश व आतंकवादियों ने घुसपैठ की थी। इसके बाद अपने-अपने क्षेत्रों में जवानों द्वारा सीमा सुरक्षा के मद्देनजर दुश्मनों की घुसपैठ को रोकने के लिए पेट्रो¨लग की जाती है। किसी स्थान पर दुश्मन के छिपे होने की आशंका पर घेराबंदी कर हमला बोल दिया जाता है। युद्धाभ्यास की हर गतिविधि पर अधिकारियों की नजर है। जरा सी चूक होने पर तुरंत जवानों को उससे निपटने व बचाव के गुर सिखाए जाते हैं। सीमित जगह होने के चलते गोलीबारी व बमबारी प्रतिबंधित है।