एक मुलाकात में दिल जीतने वाला सुरेंद्र दास तो रुलाकर चला गया
क्या गुजर रही होगी उस मां पर जिसने 31 साल अपनी ममता की छांव में दुआओं में बेटे के उज्जवल भविष्य और लंबी उम्र के लिए छठ मैया के व्रत रखें होंगे।
कानपुर (जेएनएन)। देश की शीर्ष परीक्षा पास करने के बाद पुलिस महकमे में बड़ा ओहदा पाने वाले 31 वर्ष के सुरेंद्र दास की मां पर क्या गुजर रही होगी। अपनी पसंद से विवाह करने वाले सुरेंद्र दास की बीते 40 दिन से उस मां से बात नहीं हुई थी, जिस बच्चे को उसने नौ महीने अपनी कोख में रखा था।
क्या गुजर रही होगी उस मां पर जिसने 31 साल अपनी ममता की छांव में दुआओं में बेटे के उज्जवल भविष्य और लंबी उम्र के लिए छठ मैया के व्रत रखें होंगे। क्या गुजर रही होगी पत्नी के दिल पर जिसने करवा चौथ पर लंबी उम्र की दुआ की थी। चंद महीने साथ गुजरने के चलते शादी का मतलब भी नहीं समझ पाई थी।
एक मुलाकात में सबका दिल जीत लेने वाला किसी का बेटा, भाई, पति, दोस्त आईपीएस सुरेंद्र दास सबको छोड़ कर चला गया। उनके साथ ऐसा क्या हो रहा था कि उन्होंने यह कदम उठाया, इसका जवाब किसी के पास नहीं। उन्होंने बुधवार तड़के सुसाइड नोट लिखकर सल्फास खा ली। जिसने भी सुना स्तब्ध रह गया।
इसके बाद तो जीवन के लिए दुआ होने लगी। मां, भाई, पत्नी और 2014 बैच के 14 आईपीएस साथी अस्तपाल के बाहर उनके इलाज और जल्दी स्वास्थ्य होने हर कोशिश में जुटे थे। हर सुनने व जानने वाला दुआ कर रहा था, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। उनकी मौत की सूचना प्रसारित होते ही परिवार, महकमे के साथी तथा जिसने भी इस नौजवान अफसर के विषय मे पढ़ा सुना शोक में डूब गया।
एसपी के निधन पर परिवार बेहाल
एसपी पूर्वी सुरेंद्र दास की मौत की खबर सुनकर उनकी मां इंदु देवी बेसुध हो गईं। पत्नी रवीना के साथ भाई नरेंद्र व परिवार के अन्य लोगों की भी बुरा हाल है। सूचना पर जिला पुलिस व प्रशासन के तमाम अधिकारियों के साथ ही उनके बैच के अधिकारी भी अस्पताल पहुंचे।
एडीजी और एसएसपी ने परिवार को सांत्वना
एसपी पूर्वी के निधन पर पुलिस महकमे में भी शोक की लहर दौड़ गई। एडीजी अविनाश चंद्र, एसएसपी अनंत देव समेत तमाम अधिकारियों ने अस्पताल पहुंचकर परिवार को सांत्वना दी। एडीजी ने कहा कि डाक्टरों ने काफी प्रयास किया लेकिन सुरेंद्र को बचाया नहीं जा सका।
लखनऊ में आईपीएस अफसर सुरेंद्र दास का परिवार कल्ली पश्चिम में रहता है। यहां पर उनकी मां के साथ भाई रहते हैं। मूलरूप से वह बलिया के रहने वाले थे।