Move to Jagran APP

पिच रिपोर्ट पर खूब होता था सट्टेबाजी का खेल

अधिकतम व न्यूनतम स्कोर पर होने वाली इस नई सट्टेबाजी के लिए मैच शुरू होने का इंतजार नहीं करना पड़ता है।

By amal chowdhuryEdited By: Published: Fri, 12 May 2017 09:40 AM (IST)Updated: Fri, 12 May 2017 09:40 AM (IST)
पिच रिपोर्ट पर खूब होता था सट्टेबाजी का खेल
पिच रिपोर्ट पर खूब होता था सट्टेबाजी का खेल

कानपुर (शरद त्रिपाठी)। आपको वर्ष 2008 में रिलीज हुई फिल्म जन्नत के इमरान हाशमी के अर्जुन का किरदार तो याद ही होगा, जो पिच को देखकर बता देता था कि पिच पर बैटिंग और बॉलिंग कैसी होगी। स्कोर बड़ा बनेगा या फिर छोटा। यह तो रही रील लाइफ में लगने वाले सट्टे की बात मगर अब ऐसी सट्टेबाजी ने क्रिकेट की रियल लाइफ में भी अपनी पैठ बना ली है। बुधवार को कानपुर में पकड़े गए तीन सट्टेबाज क्रिकेट में अर्जुन जैसी ही तकनीक का इस्तेमाल करके मैचों में सट्टेबाजी कर रहे थे।

loksabha election banner

पकड़े गए सट्टेबाज रमेश बिहारी, नयन रमेश शाह व विशाल चौहान ने क्रिकेट मैचों में चल रही सट्टेबाजी की परिभाषा ही बदल दी है। अब हार, जीत, टॉस, बाल, चौका, छक्का और खिलाड़ियों पर लगने वाला सट्टा अधिकतम और न्यूनतम स्कोर पर फोकस हो गया है। अधिकतम व न्यूनतम स्कोर पर होने वाली इस नई सट्टेबाजी के लिए मैच शुरू होने का इंतजार नहीं करना पड़ता है। सिर्फ मैच के लिए बनाई जा रही पिच और विकेट पर नजर रखनी होती है।

पिच पर पानी डाल फोटो भेजता था बिहारी: मैच के दौरान ब्रांडिंग कंपनी से तय होर्डिंग लगाने का काम करने वाला रमेश बिहारी मैदान के अंदर काम करते हुए मुख्य पिच तक पहुंचने का मौका खोजता था। जैसे ही मौका लगता, वह पिच पर चला जाता और ग्राउंड की घास को तर करने के लिए लगाए जाने वाले पाइप से पिच पर पानी डाल देता। पानी डालने के बाद पिच की फोटो मोबाइल से खींचकर वह रमेश शाह को भेज देता था। एक बार पानी डालने के उसे पांच हजार रुपये दिए जाते थे।

गुजरात-दिल्ली के मैच में भी पिच पर डाला पानी: जांच में सटोरियों के मोबाइल में देश के कई स्टेडियमों की पिच पर डाले गए पानी की फोटो भी इनसे मिली है। रमेश बिहारी ने बुधवार को हुए मैच के लिए बनाई गई पिच नंबर पांच पर पानी डाला और रमेश शाह को वाट्सएप पर भेजा था। इसका रिकार्ड पुलिस को मिला है।

पिच की नमी बताती है स्कोर: पिच पर छिड़का जाने वाला पानी ही बल्ले से निकलने वाले रनों का अनुमान बताता है। पिच जितनी सूखी होगी, उतना ही अधिक गेंद उछाल लेगी और बल्लेबाज लंबे शॉट लगा बड़ा स्कोर खड़ा कर सकते हैं। ऐसी पिच को पाटा पिच कहते हैं। यदि पानी की मात्र अधिक होगी तो पिच पर उछाल कम और गेंद रुककर नीचे आएगी। इससे स्पिनर को फायदा मिलता है और टीमों का स्कोर कम बनता है। ऐसी पिच को तकनीकी भाषा में धीमी पिच कहते हैं।

यह भी पढ़ें: इलाहाबाद के एटीएम हो गए 'कैशलेस'

पिच से कोई भी कर सकता छेड़छाड़: रमेश बिहारी ने जिस तरह से ग्रीनपार्क की पिच पर पानी डालने की बात स्वीकार की, उससे एक बात तो साफ हो गई कि मैदान में पिच की सुरक्षा को लेकर कोई पुख्ता इंतजाम नहीं हैं। वहीं इस संबंध में यूपीसीए डायरेक्टर एसके अग्रवाल का कहना है कि पिच की सुरक्षा के लिए एक गार्ड 24 घंटे तैनात रहता है, ऐसा करना काफी मुश्किल है।

यह भी पढ़ें: केजीएमयू के पास नहीं है 'लापता' किडनी का हिसाब


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.