यूपीसीडा के मुख्य अभियंता अरुण मिश्रा पर मुकदमा चलाने को मांगी मंजूरी, जानें क्या है मामला Kanpur News
कैग ने भी मामले में रिकवरी की बात कही थी फिलवक्त अरुण मिश्रा यूपीसीडा के फैजाबाद कार्यालय में तैनात हैं।
कानपुर, जेएनएन। सड़क ठेकेदार को फर्जी तरीके से दो करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान करने में फंसे उप्र राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) के मुख्य अभियंता अरुण मिश्रा, सहायक अभियंता नागेंद्र सिंह व अवर अभियंता एसके वर्मा के विरुद्ध विवेचक ने मुकदमा चलाने की शासन से मंजूरी मांगी है। तत्कालीन अधिशासी अभियंता अजीत सिंह (अब सेवानिवृत्त) व ठेकेदार सतीश अग्रवाल के विरुद्ध दो महीने पहले ही चार्जशीट दायर हो चुकी है। यह मामला वर्ष 2012 में चकेरी थाने में दर्ज किया गया था।
बसपा शासन में गांव सजारी के पास मान्यवर कांशीराम शहरी आवास योजना के तहत मकान बनाए गए थे। इसे जोड़ते हुए चकेरी औद्योगिक क्षेत्र से गांव पाली तक लोक निर्माण विभाग ने सड़क बनाई थी। पीडब्ल्यूडी ने अपने ठेकेदार को नियमत: भुगतान कर दिया। पर, इसी सड़क का दो करोड़ 11 लाख का भुगतान दोबारा यूपीसीडा के अफसरों ने ठेकेदार सतीश अग्रवाल को कर दिया। दैनिक जागरण ने इस मामले का भांडाफोड़ा किया था।
मुख्यमंत्री बनते ही अखिलेश यादव ने यूपीसीडा के प्रबंध निदेशक मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन को मुकदमा कराने का निर्देश दिया। इसके बाद अधिशासी अभियंता संजय तिवारी ने तत्कालीन अधिशासी अभियंता अजीत सिंह, एई नागेंद्र सिंह, जेई एसके वर्मा, ठेकेदार सतीश अग्रवाल के विरुद्ध चकेरी थाने में रिपोर्ट लिखाई थी। विवेचना के दौरान पता लगा मुख्य अभियंता अरुण मिश्रा ने कागज पर बनी सड़क का भुगतान किया है। कैग ने भी इस मामले में रिकवरी करने की बात कही थी। अरुण मिश्रा फिलवक्त यूपीसीडा के फैजाबाद कार्यालय में तैनात हैं। एसपी पूर्वी राजकुमार अग्रवाल ने बताया कि अरुण मिश्रा के खिलाफ न्यायालय में मुकदमा चलाने के लिए शासन से अनुमति मांगी गई है।