मजदूरी करने को मजबूर राष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण जीतकर शहर का नाम रोशन करने वाला एक खिलाड़ी
मोहित वाल्मीकि लॉकडाउन में मजदूरी करके परिवार पालने के साथ भविष्य के खिलाड़ियों को संवारने की चिंता में कोच के साथ प्रशिक्षण का वीडियाे बनाकर वायरल कर रहे हैं।
कानपुर, जेएनएन। प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर पर कई स्वर्ण जीतकर शहर का नाम रोशन करने वाले खिलाड़ी को निश्चित ही अपनी सफलता पर गर्व रहा होगा और उम्मीद भी होगी उसके हुनर को परखने वाले आगे बढ़ने का मौका भी दिलाएंगे। लेकिन, उसे नहीं पता था कि उसकी परख करने वाला कोई नहीं है, लॉकडाउन में आर्थिक स्थितियां बिगड़ीं तो वह मजदूरी करके परिवार पालने को मजबूर हैं। इसके बावजूद उन्हें दूसरे खिलाड़ियों की भी चिंता है और उनका भविष्य संवारने का भी बीड़ा उठाए हैं।
जरौली के रहने वाले 22 वर्षीय मोहित वाल्मीकि शहर में खेल के जुझारूपन के लिए पहचाने जाते हैं। तीन बार राष्ट्रीय कराटे में स्वर्ण पदक झटक चुके मोहित इन दिनों आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। परिवार को दो वक्त की रोटी खिलाने के लिए पिता किशन लाल के साथ मजदूरी करते हैं। इसके बाद बचे समय में राष्ट्रीय कोच राजप्रताप के साथ भविष्य के खिलाड़ियों को संवारने का प्रयास करते हैं।
खेल के प्रति जुझारूपन के चलते मोहित राष्ट्रीय कोच राज प्रताप की ऑनलाइन पाठशाला में खिलाड़ियों को घर बैठे कराटे खेल में निपुण बना रहे हैं। कोच के साथ वीडियो बनाकर ऑनलाइन क्लास में जूनियर वर्ग के बच्चों को प्रशिक्षित कर रहे। खिलाड़ियों को कराटे की बारीकी व तकनीकी ज्ञान घर बैठे दे रहे हैं। लॉकडाउन से पहले वह कोच के साथ दक्षिण क्षेत्र में बेटियों के लिए निश्शुल्क आत्मरक्षा पाठशाला का आयोजन भी करते रहे हैं।
कोच राजप्रताप बतातें है कि मोहित में कराटे के प्रति शुरू से ही ललक रही। इस कारण वह बहुत कम समय में राष्ट्रीय पदक जीता। यह होनहार खिलाड़ी इन दिनों मजदूरी करने को मजबूर है। मोहित बतातें हैं कि खेल ने मुफलिसी के दिनों में सहारा दिया। कोच ने कई स्कूलों में बतौर ट्रेनर नौकरी दिलाकर मेरी मदद की।
मोहित ने जीते ये पदक
- 2016 में कानपुर कप कराटे में स्वर्ण पदक जीता।
- 2016 में ही राष्ट्रीय कराटे में स्वर्ण पदक संग सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी बने।
- 2017 प्रयागराज राष्ट्रीय कराटे में स्वर्ण पदक झटका।
- 2017 में लखनऊ में हुई प्रदेशस्तरीय कराटे में रजत पदक जीता।
- 2018 गाजियाबाद राष्ट्रीय कराटे में स्वर्ण पदक जीता।