शोध की ओर तेजी से कदम बढ़ा रहा आइसीएआइ, गुणवत्ता को बेहतर करने पर है जोर
इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया ने सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए शोध पर अपना फोकस बढ़ा दिया है। रिसर्च कमेटी ने प्रोत्साहित करने के साथ ही सीएसआर का समाज पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर भी अध्यन कराने पर जोर है।
कानपुर, जेएनएन। इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया (आइसीएआइ) शोध के क्षेत्र में अपना फोकस बढ़ा रहा है। संस्थान ने रिसर्च प्रोजेक्ट स्कीम 2021 के तहत शोध के लिए तमाम क्षेत्र अपने सदस्यों के सामने पेश किए हैं, जिनमें शोध कर चार्टर्ड अकाउंटेंट अपनी रिपोर्ट संस्थान को भेज सकते हैं। इसका प्रमुख उद्देश्य चार्टर्ड अकाउंटेंट जो सेवाएं दे रहे हैं, उनकी गुणवत्ता को और बेहतर कैसे किया जा सकता है।
आइसीएआइ कैसे अपनी सेवाओं को और बेहतर बना सकता है। इसके लिए उसने रिसर्च प्रोजेक्ट स्कीम 2021 शुरू की है। इसके लिए रिचर्स कमेटी ने सदस्यों को शोध के लिए प्रोत्साहित करना शुरू किया है। इसमें अनुभवी सदस्य व रिसर्च स्कॉलर को जोड़ा जा रहा है और उन्हें शोध करने के लिए तमाम क्षेत्रों को बताया गया है। जिसमें शोध कर संस्थान को उन्हें सौंपना होगा। इसमें सीएसआर का समाज पर क्या प्रभाव पड़ेगा। टैक्स और अर्थ जागरूकता, ह्यूमन रिसोर्स, फोरेंसिक अकाउंटिंग, आडिटिंग, इनवेस्टीगेशन स्टैंडर्ड क्या होने चाहिए। इन पर भी शोध आमंत्रित किए गए हैं।
वर्तमान समय को देखते हुए क्रिप्टो करंसी और ब्लॉक चेन को भी इस शोध का हिस्सा बनाया गया है। ताकि जो लोग इन क्षेत्रों में काम करने के इच्छुक हों, वे इन पर अपना रिसर्च वर्क करें। इसके अलावा चार्टर्ड अकाउंटेंट अपनी तरफ से भी किसी विषय पर रिसर्च कर सकते हैं। जिस रिसर्च का विषय संस्थान स्वीकार करेगा, उसके लिए 10 लाख रुपये संस्थान रिसर्च करने वाले सदस्य को देगा। संस्थान ने अपनी तरफ से इस तरह के शोध के लिए कोई समय सीमा तय नहीं की है। सेंट्रल इंडिया रीजनल काउंसिल के सदस्य अतुल मेहरोत्रा के मुताबिक संस्थान के इस कदम से बहुत से लोग शोध के क्षेत्र में आगे आएंगे। इससे नए रास्ते भी खुलेंगे।