कानपुर में स्त्री रोग विशेषज्ञ बोले...सेनेटरी नैपकिन न बदलने से हो सकता संक्रमण
वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. रुचि जैन का कहना है माहवारी के दौरान स्वच्छता बहुत जरूरी है। इस दौरान सेनेटरी पैड का इस्तेमाल करना चाहिए। अगर पैड नहीं उपलब्ध है तो सूती कपड़े का इस्तेमाल कर सकती हैं। उसे अच्छी तरह धोने के बाद धूप में सुखाएं।
कानपुर, जेएनएन। महिलाओं व किशोरियों को मासिक धर्म के हर पहलू को जानना जरूरी है। इस पर आपस में खुलकर बात करना भी जरूरी है। मासिक धर्म (माहवारी) कोई समस्या या बीमारी नहीं है, बल्कि एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। यह प्रक्रिया 11-12 वर्ष की किशोरियों से लेकर 45 वर्ष की आयु की महिलाओं में होती है। ध्यान रहे, माहवारी के दौरान साफ-सफाई जरूरी है। सेनेटरी नैपकिन नहीं बदलने से कई प्रकार की बीमारी और संक्रमण हो सकता है।
वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. रुचि जैन का कहना है, माहवारी के दौरान स्वच्छता बहुत जरूरी है। इस दौरान सेनेटरी पैड का इस्तेमाल करना चाहिए। अगर पैड नहीं उपलब्ध है तो सूती कपड़े का इस्तेमाल कर सकती हैं। उसे अच्छी तरह धोने के बाद धूप में सुखाएं। उसके बाद ही इस्तेमाल करें। इस दौरान सफाई का ध्यान रखें और 2-3 घंटे के अंतराल पर उसे बदलती रहें।
कामकाजी महिलाएं करती हैं नजरअंदाज : डॉ. जैन का कहना है कि कामकाजी महिलाएं लंबे समय तक एक ही पैड का इस्तेमाल करती हैं। पसीना और रक्तस्राव की वजह से बदबू आने लगती है। इस वजह से यौन रोग और प्रजनन मार्ग में संक्रमण का खतरा रहता है। साफ सफाई को लगातार नजरअंदाज करने से बच्चेदानी का मुख कैंसर (सर्वाइकल कैंसर) भी हो सकता है।
इसका रखें ध्यान
- माहवारी के दौरान स्वच्छता जरूरी
- मूत्र त्याग के बाद गुप्तांग को पानी से अच्छी तरह साफ करें
- गुप्तांग को साफ कपड़े से साफ करके उसे जरूर सुखाएं।
- गुप्तांग के आसपास नमी रहने से खुजली व जलन हो सकती है।
इनका ये है कहना
- माहवारी पर खुलकर बात होनी चाहिए। महिलाओं को इस दौरान पेट दर्द, जी मिचलाना, कमर दर्द की समस्या होती है। इसलिए महिलाओं को सहयोग की जरूरत होती है। महिलाएं इस पर बात करने से हिचकती हैं। लोगों को जागरूक होने की जरूरत है। कोई समस्या होने पर बेहिचक डॉक्टर से संपर्क करें और सही सलाह व इलाज प्राप्त करें।
डॉ. नीता रानी, वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ उर्सला अस्पताल