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कानपुर: कोरोना काल में खूब फले-फूले उद्योग, पहले से ज्यादा लगी इकाइयां, आनलाइन सुविधा होने से मिली राहत

उत्तर प्रदेश के युवाओं को रोजगार के लिए दूसरे राज्यों में न जाना पड़े इसके लिए औद्योगिक विकास पर जोर दिया जा रहा है। इसके लिए औद्योगिक विकास प्राधिकरणों ने नियमों में ढील दी और सुविधाएं आनलाइन कीं। इससे निवेश के इच्छुक लोगों को भागदौड़ से राहत मिली है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Tue, 07 Dec 2021 09:05 AM (IST)Updated: Tue, 07 Dec 2021 09:05 AM (IST)
कानपुर: कोरोना काल में खूब फले-फूले उद्योग, पहले से ज्यादा लगी इकाइयां, आनलाइन सुविधा होने से मिली राहत
650 एकड़ से अधिक भूमि आवंटित की गई।

कानपुर, जागरण संवाददाता। कोरोना काल में औद्योगिक विकास की सुविधाएं आनलाइन करने का लाभ औद्योगीकरण के रूप में मिला है। उप्र राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) के आंकड़ों पर गौर करें तो 2019-20 के मुकाबले 2020-21 में निवेश बढ़ा है और उद्योग फलने-फूलने लगे हैैं। इस वर्ष में 441 यूनिट लगीं, जबकि 2019-20 में इनकी संख्या 350 ही थी। चालू वित्तीय वर्ष में अब तक 157 इकाइयों के लिए भूमि का आवंटन हुआ जिनमें काम भी शुरू हो गया है।

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उत्तर प्रदेश के युवाओं को रोजगार के लिए दूसरे राज्यों में न जाना पड़े, इसके लिए औद्योगिक विकास पर जोर दिया जा रहा है। इसके लिए औद्योगिक विकास प्राधिकरणों ने नियमों में ढील दी और सुविधाएं आनलाइन कीं। इससे निवेश के इच्छुक लोगों को भागदौड़ से राहत मिली है। यूपीसीडा ने 24 सेवाएं कोरोना काल में आनलाइन कीं। इनमें भूखंडों के आवंटन से लेकर भू उपयोग परिवर्तन और मानचित्र स्वीकृति की सुविधा शामिल है। अप्रैल 2020 से अब तक प्राधिकरण विभिन्न कंपनियों को 650 एकड़ से ज्यादा भूमि आवंटित कर चुका है। इन कंपनियों की ओर से 4700 करोड़ से अधिक का निवेश किया जा रहा है।

फार एवर डिस्टिलरी ने देवरिया में 250 करोड़ रुपये का निवेश कर इकाई चालू कर दी है। ऐसी कई कंपनियां हैं, जिन्होंने इकाई शुरू कर दी है और कुछ में काम चल रहा है। विदेशी कंपनियों की बात करें तो पेप्सिको ने मथुरा के कोसी कोटवन में औद्योगिक इकाई का निर्माण शुरू कर दिया है। कंपनी यहां 814 करोड़ का निवेश कर रही है। अब पेप्सिको को उन्नाव जिले की ट्रांसगंगा सिटी में भी भूमि आवंटन की तैयारी चल रही है। कंपनी यहां भी फूड प्रोसेङ्क्षसग प्लांट लगाएगी। इसी तरह एबी मौरी को पीलीभीत में 11 सौ करोड़ रुपये का निवेश करना है। कंपनी को वहां भूमि दी जा चुकी है। आइनाक्स एयर प्रोडक्टस ने रायबरेली में भूमि ली है। प्राधिकरण के सीईओ मयूर माहेश्वरी का कहना है कि कोरोना काल में बड़े पैमाने पर कंपनियों को भूमि दी गई है। अभी कई और बड़ी भारतीय और विदेशी कंपनियों को भूमि देने जा रहे हैं।    

इन कंपनियों को आवंटित हुई भूमि

हिंदुस्तान यूनीलिवर लिमिटेड ने हमीरपुर में 182 करोड़ रुपये, विधि एक्सपोट्र्स ने अलीगढ़ में 159 करोड़, मथुरा के कोसी कोटवन में मैपी कांस्ट्रक्शन प्रोडक्ट्स को भूमि दी गई है। कंपनी यहां 250 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है। यहीं रोज इंटरप्राइजेज ने 124 करोड़, मोती इंसेक्टीसाइड ने 85 करोड़, अंबर क्राप साइंस ने 77 करोड़, रसिक एक्सपोर्ट ने 30 करोड़ व बीएस फूड्स एंड वेबरेज ने 148 करोड़ रुपये के निवेश के लिए भूमि आवंटित कराई। लाजिस्टिक पार्क की स्थापना के लिए लखनऊ में तीन निवेशकों ने कदम आगे बढ़ाया है। इनमें नानक लाजिस्टिक, श्रीमती अमृत कौर, निरपुरिया इंटरप्राइजेज शामिल हैं।


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