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औद्योगिक उत्पादन घटाकर बचा रहे संक्रमितों की जान

रिमझिम इस्पात ने इंडस्ट्रियल आक्सीजन को मेडिकल आक्सीन में तब्दील किया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 22 Apr 2021 02:26 AM (IST)Updated: Thu, 22 Apr 2021 02:26 AM (IST)
औद्योगिक उत्पादन घटाकर बचा रहे संक्रमितों की जान
औद्योगिक उत्पादन घटाकर बचा रहे संक्रमितों की जान

जागरण संवाददाता, कानपुर : कोरोना के इस दौर में जब उद्यमी और कारोबारी अपना व्यापार बैठने की बात कर रहे हैं, ऐसे में रिमझिम इस्पात ने खुद अपना कारोबार कम करके इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन को मेडिकल ऑक्सीजन में तब्दील कर उसकी सप्लाई शुरू कर दी है ताकि बिना ऑक्सीजन तड़प रहे रोगियों को राहत मिल सके। यह सप्लाई भी अस्पतालों को हो रही है, जिनसे 10 किलो के एक सिलिंडर की कीमत मात्र एक रुपये ली जा रही है।

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कोरोना के चलते जिस समय संक्रमितों की संख्या बढ़ने लगी और रोगियों को ऑक्सीजन का संकट होने लगा, तभी रिमझिम इस्पात के प्रबंध निदेशक योगेश अग्रवाल और निदेशक रोहित अग्रवाल ने अपनी हमीरपुर जिले के भरुआ सुमेरपुर स्थित स्टेनलेस स्टील के प्लांट को ऑक्सीजन रीफिलिग प्लांट में बदलने का निर्णय लिया। प्लांट में काम के लिए पहले से ही इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन का प्लांट लगा हुआ था, लेकिन इस निर्णय के बाद तय हुआ कि स्टेनलेस स्टील के काम को कम किया जाए और इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन को मेडिकल ऑक्सीजन में बदल कर अस्पतालों को मुफ्त दी जाए। निदेशक रोहित अग्रवाल के मुताबिक प्लांट में पाइप से ऑक्सीजन भेजी जाती थी, वहां भरने की कोई व्यवस्था नहीं थी। इसके बाद प्लांट में सिलिडर भरने की व्यवस्था की गई। इसे 17 अप्रैल से शुरू कर दिया गया। अब प्लांट में रोज ही 10 किलो वाले 1500 सिलिडर भरे जा रहे हैं। इन्हें कानपुर, कन्नौज, जालौन, बांदा, हमीरपुर, झांसी के अस्पतालों को भेजा जा रहा है। कानपुर में हैलट के अलावा रीजेंसी, मधुराज, जीटीबी, संजीवनी, कुलवंती अस्पताल में इसे भेजा जा रहा है। इस सिलेंडर की कीमत एक रुपये ली जा रही है, जबकि इस समय कई-कई हजार में सिलिडर मिल रहे हैं। एक रुपये की टोकन राशि रखने के पीछे रोहित अग्रवाल कहते हैं कि एक-एक रुपये कीमत होने की वजह से जिस अस्पताल में इसे भेजा जाता है, वहां इसकी बिलिग होती है। ऐसे में कालाबाजारी नहीं हो सकेगी वरना सिलिडर निश्शुल्क होने पर कोई भी दूसरे को बेच सकता था। उन्होंने बताया कि मुख्य प्लांट भी चला रहे हैं क्योंकि दो हजार कर्मचारी काम कर रहे हैं, उनके बारे में भी सोचना है।

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दूसरे उद्यमी भी आगे आएं

उन्होंने कहा कि दूसरे उद्यमियों को भी कोरोना की इस लड़ाई में रोगियों की मदद के लिए आगे आना चाहिए। उसका रास्ता कोई भी हो सकता है। डीएम आलोक तिवारी ने उद्यमियों से अपील की है कि ऑक्सीजन उपलब्ध कराने में मदद करें।


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