कानपुर स्मार्ट सिटी के दावे हवा-हवाई, यहां लोग चंदे से करा रहे मोहल्ले की सफाई, जानिए क्या है पूरा मामला
कानपुर के पॉश इलाके इंदिरा नगर के एमआइजी रोड स्थित रामेश्वरी बाग के आसपास के लोग नगर निगम के जिम्मेदारों की अनदेखी से परेशान है। यहां लोग प्रतिमाह 5 हजार रुपये चंदा करके सड़क व घर के बाहर सफाई कराते हैं।
कानपुर, जागरण संवाददाता। स्मार्ट सिटी में भले ही कूड़ा निस्तारण के बड़े प्रोजेक्ट पर काम चल रहा हो लेकिन शहर का एक ऐसा क्षेत्र भी हैं जहां लोगों को चंदे से सफाई कराकर कूड़ा उठवाना पड़ रहा है। नगर निगम की लापरवाही को बयां करते ये हालात इंदिरा नगर में एमआइजी रोड पर स्थित रामेश्वरी बाग के आसपास के हैैं। यहां जल संस्थान द्वारा बिछाई गई पाइप लाइन टूट गई है। पाइप लीकेज से जलापूर्ति के समय हजारों लीटर पानी सड़क पर बहकर बर्बाद होता है।
स्थानीय लोगों ने जलकल विभाग में एक सप्ताह पहले शिकायत दर्ज कराई लेकिन आज तक कोई भी जिम्मेदार हालात देखने नहीं पहुंचा। लोगों ने बताया कि एमआइजी का क्षेत्र ऐसा है जहां करीब 20 घरों के लोग प्रतिमाह पांच हजार रुपये चंदा करके सफाई कर्मचारी को देते हैं। तब क्षेत्र में सफाई हो पाती है। लोगों का कहना है कि किसी वीआइपी के आगमन पर ही कर्मचारी सफाई करने आते हैं। क्षेत्रीय पार्षद को समस्या बताई लेकिन कोरे आश्वासन ही मिले।
सफाई न कराएं तो बीमारियां फैलेंगी: स्थानीय निवासी लक्ष्मी सविता बताती हैं कि क्षेत्र में यदि एक सप्ताह झाड़ू न लगे तो कचरा एकत्र होने से बीमारियां फैलने का खतरा बढ़ जाएगा। नगर निगम की गाड़ी डोर टू डोर कूड़ा उठान के लिए नहीं आती है। मजबूरी में निजी सफाई कर्मी को रुपये देकर कूड़ा उठवाते हैं।
टैक्स पूरा वसूलते हैं, सुविधा देते नहीं: स्थानीय निवासी माया तिवारी बताती हैं कि नगर निगम की ओर से क्षेत्र में सुविधाएं दी नहीं जा रही जबकि टैक्स पूरा वसूला जाता है। क्षेत्रीय पार्षद व विधायक के पास लोगों की समस्याएं सुनने का समय नहीं है। ऐसे में जनता को वैकल्पिक रास्ते ढूंढने पड़ रहे हैं।
जलभराव से मच्छरजनित रोगों का खतरा: बुजुर्ग देवकीनंदन मिश्रा बताते हैं कि एक माह से सड़क किनारे पाइपलाइन लीकेज की समस्या है। जलापूर्ति के समय पानी सड़क पर बहता रहता है। पानी की बर्बादी रोकने के लिए मरम्मत होनी चाहिए।
वीआइपी के आगमन पर होती है सफाई: स्थानीय निवासी सुभाष कनौजिया ने बताया कि एमआइजी रोड एरिया में नगर निगम का कोई कर्मचारी सफाई करने नहीं आता है। जब किसी वीआइपी का आगमन होता है तभी क्षेत्र में सफाई होती है।