Indian railways: कानपुर में भीमसेन से गोविंदपुरी एलिवेटेड ट्रैक की फिर बनेगी डिजाइन, रेलवे ने शुरू कराया सर्वे
कानपुर में भीमसेन से गोविंदपुरी रेलवे स्टेशन से आगे झकरकटी से पहले तक एलिवेटेड रेल ट्रैक की डिजाइन फिर से बनेगी। सर्वे टीम को तेजी से कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं। इस एलीवेटेड ट्रैक की मदद से लोगों को जाम से भी छुटकारा मिलेगा।
कानपुर, जागरण संवाददाता। झांसी-कानपुर रेलखंड पर भीमसेन से गोविंदपुरी रेलवे स्टेशन से आगे झकरकटी से पहले तक एलिवेटेड रेल ट्रैक की डिजाइन फिर से बनेगी। इसके लिए रेलवे ने नए सिरे से सर्वे शुरू करा दिया है।
नई डिजाइन में इंजीनियरों को इस बात का ख्याल रखने को कहा गया है कि इसका एलाइनमेंट ऐसा रहे कि कच्ची बस्ती भी न टूटे और भविष्य में लखनऊ रेलमार्ग से जोड़ते समय कोई दिक्कत न आए। इससे झांसी रूट से मुंबई की ओर जाने वाली ट्रेनों को रफ्तार के साथ ही बस्तियों के पास से गुजरी रेल लाइन से हादसे कम होंगे, जबकि क्रासिंगों पर जाम से मुक्ति मिलेगी।
रेलवे बोर्ड ने वर्ष 2025 तक कानपुर में मंधना-अनवरगंज एलिवेटेड रेल ट्रैक के साथ भीमसेन से गोविंदपुरी-झकरकटी तक एलिवेटेड ट्रैक बनाने की तैयारी की थी। मंधना-अनवरगंज पर लगभग बात बन चुकी है। भीमसेन ट्रैक के लिए करीब 1750 करोड़ रुपये की लागत आने की संभावना है।
पिछले सर्वे में गोविंदपुरी कच्ची बस्ती की बाधा व एलाइनमेंट लखनऊ रेलमार्ग से जोड़ने लायक नहीं मिला।इसलिए रेलवे बोर्ड ने इसे हाल ही में खारिज कर दिया। अब नए सिरे से सर्वे का काम तेज किया गया है। उत्तर मध्य रेलवे के अधिकारी इसमें लगे हैं।
सर्वे के साथ डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) में एलिवेटेड रूट के लिए अच्छी संभावनाएं तलाशने पर फोकस है। इस ट्रैक के बनने से मुंबई जाने वाली ट्रेनों को कानपुर सेंट्रल आगे से सीधे भीमसेन भेजा जाएगा, जिससे गोविंदपुरी आउटर पर अक्सर ट्रेनों की पासिंग में समस्या से लेटलतीफी खत्म हो जाएगी।
पिछले दिनों प्रधानमंत्री रोजगार मेला के दौरान शहर आए मंडल रेल प्रबंधक प्रयागराज मोहित चंद्रा ने इसको लेकर मंथन किया था। वह इसका काम तेज करने के निर्देश दे चुके हैं।
लखनऊ रेलमार्ग से जुड़ने पर मिलेगी बड़ी राहत
अनवरगंज-मंधना व भीमसेन-गोविंदपुरी एलिवेटेड ट्रैक बनने के बाद भविष्य में जब लखनऊ रेलमार्ग चार ट्रैक का बनेगा तो शहरी क्षेत्र में उसे भी एलिवेटेड बनाकर मुंबई रूट को जोड़ा जाएगा। इससे लंबी दूरी की ट्रेनों को बिना बाधा भेजा जा सकेगा।
ये होंगे फायदे
- -झकरकटी से भीमसेन तक बस्तियों के लोगों को जाम, हादसों से मुक्ति।
- -पनकी नहर के जर्जर हो रहे पुराने पुल को फिर बनाने की जरूरत नहीं।
- -जरूरत पर पैसेंजर ट्रेनों व मालगाड़ियों को इस रूट से जल्दी पहुंचाएंगे।
रेलवे बोर्ड ने सर्वे के बाद भीमसेन-गोविंदपुरी एलिवेटेड ट्रैक की एक साल में तैयार की गई डिजाइन खारिज कर दी है। भविष्य में लखनऊ रेलमार्ग से एलाइनमेंट मिलने में दिक्कत व कच्ची बस्ती की बाधा इसका कारण बनी। नए सिरे से सर्वे शुरू कराकर जल्द डिजाइन व फिर डीपीआर तैयार करके जनवरी तक बोर्ड को भेजने की तैयारी है। -हिमांशु शेखर उपाध्याय, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी उत्तर मध्य रेलवे।