लॉकडाउन के बाद रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों को पैरों से मिलेगा पानी, अफसर कर रहे तैयारी
डीआरएम ने लोकोशेड में पैडल ऑपरेटिंग सिस्टम तैयार करने के आदेश दिए गए हैं।
कानपुर, आशीष पांडेय। लॉकडाउन खुलने के बाद ट्रेनों के संचालन को लेकर रेलवे ने वृहद स्तर पर तैयारी शुरू कर दी है ताकि कोरोना संक्रमण से यात्रियों को भी सुरक्षित किया जा सके। रेलवे स्टेशनों पर यात्री जिनका हाथ से छूकर प्रयोग करते हैं, उनमें बदलाव करने का फैसला किया गया है। आने वाले दिनों में स्टेशन पर यात्री पैर के इशारे से पानी बोतल में भरेंगे, ऐसी व्यवस्था रेलवे प्रशासन करने जा रहा है।
स्टेशन पर गुजरे जमाने की बात हो जाएंगी टोटियां
अब रेलवे स्टेशनों पर टोंटी वाले नल गुजरे जमाने की बात हो जाएगी। कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए वाटर बूथों पर पैडल से चलने वाले नल लगाए जाएंगे। यानी, ऐसे नल जिनकी टोंटी को पैर से दबाने पर पानी निकलने लगेगा और पैर हटाते ही पानी आना बंद हो जाएगा। यात्रियों को पानी पीने और बोतल आदि भरने के लिए नल को छूना नहीं पड़ेगा। मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) अमिताभ कुमार के आदेश पर सभी स्टेशनों पर ऐसे नल लगाए जाएंगे।
पैडल ऑपरेटेड टोटी लगाने की तैयारी
कोरोना संकट ने रेलवे को भी अपने में बदलाव लाने के लिए मजबूर कर दिया है। मंगलवार को डीआरएम ने प्रयागराज से इटावा तक कई स्टेशनों के निरीक्षण किया था। कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुए उन्होंने सभी स्टेशनों में पैडल ऑपरेटेड नल लगवाने के आदेश दिए। उन्होंने बताया कि सामान्य नल को छूने से संक्रमण एक से दूसरे में पहुंचने का खतरा रहेगा। सभी स्टेशनों के वाटर बूथ पर पैडल से चलने वाले नल लगाए जाएंगे।
लोको शेड में तैयार किया जाएगा पैडल ऑपरेटिंग सिस्टम
सेंट्रल स्टेशन निदेशक हिमांशु शेखर उपाध्याय ने बताया कि नलों में बदलाव की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी। इलेक्टिक लोको शेड में पैडल ऑपरेटिंग सिस्टम तैयार किया जाएगा। लोको शेड में पैडल चलित हाथ धोने की मशीन तैयार की जा चुकी है। उसी तर्ज पर सभी प्लेटफार्म पर करीब तीन सौ से अधिक पैडल चलित नल लगाए जाएंगे।
यात्री ट्रेनों के परिचालन से पहले होगा काम
डीआरएम ने बताया कि यात्री ट्रेनों के परिचालन से पहले ही नलों में बदलाव कर दिया जाएगा। इसके लिए उन्होंने सभी स्टेशनों के निदेशकों को निर्देश दिए हैं।