शौर्य के पथ पर बढ़े बेटे के कदम तो घर में गूंजा जयघोष, पिता के मन में रह गई एक कसक
कानपुर के रामबाग में रहने वाला परिवार बेटे की पासिंगआउट परेड में कोरोना संक्रमण की वजह से नहीं जा सका।
कानपुर, [अनुराग मिश्र]। बेटा इंदौर में लेफ्टिनेंट बनकर देश सेवा की शपथ ले रहा था और भारत माता की जय का उद्घोष रामबाग कानपुर में गूंज रहा था। लेफ्टिनेंट अनुज दीक्षित की कामयाबी पर पिता अजय शंकर दीक्षित, मां इंदू, भाई अक्षत और अन्य स्वजन खुशी से फूले नहीं समा रहे थे। इस खुशी के बीच ऑनलाइन पासिंग आउट परेड देख रहे पिता के मन में बेटे के बैच का अनावरण नहीं कर पाने की टीस बनी हुई थी।
आइटी एंड टेलीकम्युनिकेशन में बीटेक हैं अनुज
अनुज ने सर पदमपत सिंहानिया एजूकेशन सेंटर से 12वीं की पढ़ाई के दौरान ही सेना में जाने का फैसला कर लिया था। 11 सितंबर 2015 को एसएसबी के जरिए टेक्निकल इंट्री स्कीम में उनका चयन हुआ। दो जनवरी 2016 को ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी गया में ट्रेनिंग के लिए गए। वहां एक साल ट्रेनिंग के बाद मिलेट्री कॉलेज ऑफ टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग, एमएचओडब्ल्यू मध्य प्रदेश में आइटी एंड टेलीकम्युनिकेशन में बीटेक पूरा किया। शनिवार को पासिंगआउट परेड थी लेकिन कोरोना संक्रमण की वजह से स्वजन नहीं जा सके।
यू-ट्यूब पर लाइव प्रसारण
अनुज की मां इंदू, भाई अक्षत के अलावा बाबा गणेश जी दीक्षित, इंदू दीक्षित, नानी मंजू पांडेय, मामा अनुपम मामी जाह्ववी, भाई-बहन अनन्या, पार्थ सुबह सवा छह बजे से ही टीवी के सामने आ गए थे। यू-ट्यूब पर लाइव प्रसारण 6:35 बजे शुरू हुआ तो राष्ट्रगान में सब यहां से शामिल हुए।
सिल्वर टार्च से पहचाना
अनुज ने घर वालों को बता दिया था कि एकेडमिक प्रतियोगिता के दौरान मिली सिल्वर टार्च बैज के रूप में वर्दी में होगी। इसके अलावा उसने परेड प्रेक्टिस के वीडियो पहले ही घर वालों को भेजे थे, लिहाजा उन्हें पहचानने में दिक्कत नहीं हुई।
बैज अनावरण नहीं कर पाया
अजय शंकर कहते हैं कि बेटे के कंधे पर लगे अशोक की लाट के बैज का अनावरण करने की ख्वाहिश थी लेकिन कोरोना ने ये हक छीन लिया। खुशी इस बात की है कि बेटे ने देश की सेवा के लिए कदम बढ़ा दिए हैं।